शिव भक्ति के रंग में रंगा पहाड़
फोटो : सब.- महाशिवरात्रि पर दुल्हन की तरह सजे शिवालय, शिवमय रहा माहौल क्रा.- सुबह से ही कतारबद्ध
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सब.- महाशिवरात्रि पर दुल्हन की तरह सजे शिवालय, शिवमय रहा माहौल
क्रा.- सुबह से ही कतारबद्ध रहे श्रद्धालु, गूंजा बम बम भोले
- लंबी कतारें भी नहीं डिगा सकीं आस्था, देर शाम तक लगा रहा तांता
जेएनएन, दार्जिलिंग : महाशिवरात्रि का उल्लास मंगलवार को पहाड़वासियों के सिर चढ़कर बोला। नगर समेत विभिन्न स्थानों पर अवस्थित शिवालयों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें तो रहीं ही, 'बम बम भोले', 'हर हर महादेव', ऊं नमह शिवाय' के गगनभेदी नारे गुंजायमान रहे। स्त्री हों या पुरुष, बच्चे हों या वृद्ध, औघड़दानी के दर्शन व पूजन को हर कोई बेताब दिखा। इसके लिए मंदिरों में सुरक्षा आदि के विशेष प्रबंध भी किए गए थे।
नगर के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई थी। हर कोई अपने आराध्य के दर्शन व उनको जल अर्पित करने को बेताब था। यहां तक की उम्र व स्वास्थ्य भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा में बाधक नहीं बन सके। कई वृद्ध नागरिक कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। इनमें से कई तो व्रती भी थे। जिन्होंने अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना से भगवान भोलेनाथ का व्रत रखा था। इसके लिए आयोजकों ने भी विशेष प्रबंध कर रखा था। आयोजक महाकाल शिवरात्रि पूजन समिति व जनकल्याण संस्थान ने इसके लिए मंदिर प्रांगण को दुल्हन की तरह सजाया था। साथ ही कई विशेष प्रबंध भी किए थे। जिसपर कुल साढ़े पांच लाख रुपए खर्च होने का अनुमान जताया जा रहा है। इस संबंध में संस्थान के सचिव किशोर गजमेर ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण की विशेष व्यवस्था की गई थी। मंदिर प्रांगण में पहुंचने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को प्रसाद प्रदान किया गया। उनके अनुसार बाहर से बुलाए गए 12 लोगों ने प्रसाद तैयार करने का भार उठा रखा था। वहीं लगभग पांच दर्जन स्वयंसेवकों ने वितरण प्रणाली की कमान संभाले रखी। गजमेर ने कहा कि गत वर्ष इस पूजा के दौरान लगभग चार लाख रुपए खर्च हुए थे। श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न होने पाए, इसके लिए दर्जनों स्वयंसेवक दिन-रात लगे रहे। वहीं भारतीय गोरखा पूर्व सैनिक कल्याण संगठन के सदस्य भी पूरे दिन श्रद्धालुओं की सेवा में संलग्न रहे। कुछ श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन को आने वाले शिव भक्तों के जूते-चप्पल आदि की भी व्यवस्था की थी।
वहीं नगर के अलावा विभिन्न स्थानों पर अवस्थित शिवालयों में भी सुबह से ही माइकों पर भजन बजते रहे। जिससे माहौल शिवमय बना रहा। मंदिरों के बाहर देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा।