सीएम का स्वागत नहीं कर सकेंगे जीटीए प्रमुख
-20 को मुख्यमंत्री के आगमन के समय विमल गुरुंग रहेंगे काठमांडू -21 को लेबोंग व ब्लूम फील्ड व डॉली
-20 को मुख्यमंत्री के आगमन के समय विमल गुरुंग रहेंगे काठमांडू
-21 को लेबोंग व ब्लूम फील्ड व डॉली पुलिस लाइन में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम
-23 को चौरास्ता में नेताजी जयंती का कार्यक्रम कर ममता बनर्जी लौटेंगी कोलकाता
-जीटीए प्रमुख का 20 व 21 जनवरी को नेपाल यात्रा का कार्यक्रम
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का 20 जनवरी को पहाड़ में आगमन हो रहा है। लेकिन उस समय उनकी अगवानी के लिए जीटीए प्रमुख विमल गुरुंग मौजूद नहीं रहेंगे। हालांकि जीटीए प्रमुख की इस गैर मौजूदगी को लेकर कई तरह के सवाल किए जा रहे हैं लेकिन बकौल विमल गुरुंग, ''उनकी नेपाल यात्रा का अन्यथा अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए। उनके मन में राज्य सरकार के प्रति कोई गिला शिकवा नहीं है''। प्रशासनिक सूत्र के अनुसार जीटीए प्रमुख 20 व 21 जनवरी को नेपाल की यात्रा पर जा रहे हैं। इसलिए उनकी कमी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आगमन के समय तो जरूर खलेगी इसमें कोई शक नहीं।
सूत्र के अनुसार मुख्यमंत्री 20 को दार्जिलिंग पहुंच रही हैं। उसके बाद अगले रोज यानी 21 को दार्जिलिंग के लेबोंग और ब्लूम फील्ड के डॉली स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में वह भाग लेंगी। 22 को वे तृणमूल कांग्रेस और प्रशासनिक कार्यक्रमों में शिरकत करेंगी। 23 जनवरी को वे चौरास्ता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होने के बाद इसी रोज कोलकाता के लिए प्रस्थान करेंगी। उधर, 20 जनवरी को जीटीए प्रमुख विमल गुरुंग नेपाल भ्रमण के क्रम में काठमांडू पहुंचेंगे। उसी रोज वे पशुपतिनाथ मंदिर और फिर दक्षिण काली गुहेश्वरी मंदिर में माता के दर्शन व पूजा अर्चना कर वाराणसी के लिए रवाना हो जाएंगे। इस रोज वहीं पर वे रहेंगे।
रविवार को शहर के पातलेबास स्थित गोजमुमो के कार्यालय में प्रेस वार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री का पहाड़ में स्वागत के बाद उनका कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करने की थी। लेकिन गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदगी के चलते यह संभव नहीं हुआ। इसीलिए उन्होंने काठमांडू जाने का कार्यक्रम बनाया। उन्होंने राज्य सरकार के प्रति किसी तरह के पूर्वाग्रह से स्पष्ट तौर पर इंकार करते हुए कहा कि उनके मन में राज्य सरकार के प्रति कोई शिकायत नहीं है। राज्य सरकार के सहयोग से पहाड़ का समग्र विकास का कार्यक्रम जारी रहेगा जबकि समानांतर गोरखालैंड राज्य की लड़ाई भी जारी रहेगी। उन्होंने जीटीए के फंड को राज्य सरकार के मार्फत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि वह केंद्र सरकार से सीधे फंड निर्गत करने की मांग प्रधानमंत्री से करेंगे।