हाईकोर्ट के आश्वासन पर ही खत्म करेंगे आंदोलन
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने आंदोलन के तहत बुधवार को तीसरे द
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने आंदोलन के तहत बुधवार को तीसरे दिन भी कामकाज ठप रखा। उन्होंने शर्त रखी कि अगर हाईकोर्ट इस मामले में कोई आश्वासन दे तो वे अपना आंदोलन खत्म कर सकते हैं।
यह शर्त उन्होंने उस समय रखी जब दार्जिलिंग से प्रभारी जिला न्यायाधीश बी भट्टाचार्य कोर्ट परिसर पहुंचे और उन्होंने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत की। बातचीत के बाद एसोसिएशन की ओर से सचिव चंदन दे ने बताया कि उन्होंने आंदोलनकारियों से आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध किया। साथ ही यह भी बताया कि उच्च न्यायालय उनकी मांगों पर जल्द ही फैसला लेने पर विचार कर रहा है। ऐसे में बार एसोसिएशन की ओर से बैठक की गई, जिसमें सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि अगर उच्च न्यायालय कोई फैसला व विचार करना चाहता है तो इसका लिखित आश्वासन एसोसिएशन को दे। उसके आधार पर एसोसिएशन आम बैठक बुलाकर आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा करेगी। बुधवार को मंच से पूर्व मेयर सह वरिष्ठ वकील गंगोत्री दत्त, एसोसिएशन के अध्यक्ष सुवल वनिक, संदीप चाकी, सचिव चंदन दे, पूर्व अध्यक्ष सुरेश मित्रुका, संदीप चाकी, अलोकेश चक्रवर्ती आदि ने लोगों को संबोधित किया। आंदोलनकारी वकीलों ने कहा कि आज आंदोलन का तीसरा दिन है। आंदोलन के कारण भूमि निबंधन एवं नौ कोर्ट में कामकाज ठप है। जिन मामलों की सुनवाई होनी थी वे रुके हुए हैं। इसके लिए एसोसिएशन या वकील दोषी नहीं हैं। वकीलों ने इसके पूर्व कई बार आंदोलन किया पर सरकार व उच्च न्यायालय ने इसे संज्ञान में नहीं लिया। वकीलों ने कहा कि पिछले ढाई वर्षो से जिस कष्ट में वकीलों ने अदालत का काम काज किया उसे भी उच्च न्यायालय को देखना चाहिए। माननीय सुप्रीम कोर्ट और केंद्र की सरकार बार-बार यह कहती है न्याय प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा जिससे लोग परेशान न हों। जरा कल्पना करें। सिलीगुड़ी कोर्ट से भक्तिनगर की दूरी मात्र एक किलोमीटर है। भक्तिनगर थाना से जलपाईगुड़ी कोर्ट की दूरी 48 किलोमीटर है। भक्तिनगर को सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्तालय में शामिल किया गया है। ऐसे में वहां के किसी भी मामले में आरोपी को जलपाईगुड़ी भेजा जाता है। मालूम हो कि वकीलों ने दो मुद्दों पर आंदोलन किया है। इसमें पहला वर्ष 2012 में तोड़े गये कोर्ट भवन को अविलंब बनाया जाए उसके अलावा भक्तिनगर थाने के सभी मामलों को सिलीगुड़ी कोर्ट में लाया जाए।