वकीलों का काम रोको आंदोलन शुरू
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन द्वारा आहूत नौ दिवसीय काम रोको आंदोलन सोमवार से शु
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन द्वारा आहूत नौ दिवसीय काम रोको आंदोलन सोमवार से शुरू हो गया। पहले ही दिन वकीलों के काम नहीं करने के कारण सभी कोर्ट में सन्नाटा छाया रहा। लोग परेशानी में इधर-उधर घूमते देखे गए।
आंदोलन की शुरूआत होने के कुछ ही देर बाद वकीलों को पता चला कि कुछ वकील रजिस्टरी ऑफिस में काम कराने के लिए बागडोगरा व बाघाजतिन पार्क गए हुए हैं। इसकी जानकारी मिलने पर उन्हें रोकने के लिए बार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि दल दोनों जगह पहुंचा और वहां काम ठप कराया। वैसे सुबह से ही कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में प्रतिदिन की तरह वकील पहुंचे और आंदोलन को सफल बनाने के लिए मंच पर सहभागिता निभाई। आंदोलन का नेतृत्व बार एसोसिएशन के सचिव चंदन दे कर रहे थे। कोर्ट परिसर में बने आंदोलन मंच से पूर्व मेयर सह अधिवक्ता गंगोत्री दत्त, सजदल गुप्ता, राज्य बार काउंसिल के कार्यकारी चेयरमैन सुनील सरकार, मृत्युंजय सरकार तथा रतन वनिक आदि ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ और भक्तिनगर थाने के सभी मामले को सिलीगुड़ी कोर्ट में स्थानान्तरित नहीं किए गए तो आंदोलन निर्धारित काल तक ले जाया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 31 मार्च 2012 को आनन-फानन में सिलीगुड़ी कोर्ट के भवन को तोड़ दिया गया। उसी दिन तत्कालीन कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जय नारायण पटेल व कानून मंत्री मलय घटक ने आधारशिला भी रखी। इसके लिए तत्काल 4.26 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा भी की गई। उसके बाद से बार-बार उत्तर बंगाल उन्नयन मंत्री गौतम देव बार एसोसिएशन को आश्वासन देते रहे कि जल्द काम प्रारंभ होगा, लेकिन दो वर्ष में यहां कोई भवन नहीं बना। इसके लिए आवंटित राशि का क्या हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं दे पा रहा है। इतना ही नहीं सिलीगुड़ी में पुलिस कमिश्नरी बनाई गई, इसमें सिलीगुड़ी, प्रधाननगर, माटीगाड़ा, बागडोगरा और भक्तिनगर थाना को शामिल किया गया। घोषणा की गई कि जल्द ही इसके लिए आवश्यक कोर्ट भवन तैयार कर सभी अदालतें काम करना प्रारंभ कर देंगी, लेकिप दो वर्ष बाद आज भी कोर्ट का काम प्रारंभ नहीं हुआ। कहने के लिए भक्तिनगर पुलिस कमिश्नरी में है पर यहां के सभी कार्य आज भी जलपाईगुड़ी कोर्ट से ही हो रहे हैं। उच्च न्यायालय ने भक्तिनगर थाना क्षेत्र के सभी कामकाज को अविलंब सिलीगुड़ी कोर्ट में स्थानांतरित करने को कहा है। उसके बावजूद मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों घोषणा कर दी कि भक्तिनगर जलपाईगुड़ी कोर्ट के अधीन ही रहेगा। यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह उच्च न्यायालय का मामला है और इसमें उच्च न्यायालय ही हस्तक्षेप कर कोई निर्णय ले सकता है। इसके पूर्व भी वकीलों ने दो बार कई दिनों तक आंदोलन किया, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अब लड़ाई आर-पार की होगी। आंदोलन तबतक समाप्त नहीं होगा जबतक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता।