बार-बार रेफर किए जाने पर जिला अस्पताल में हंगामा
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा के दौरान सड़क हादसे में मोटर साइकिल की टक्कर से पांव तुड़वा
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
दुर्गा पूजा के दौरान सड़क हादसे में मोटर साइकिल की टक्कर से पांव तुड़वा बैठे एक मरीज को बार-बार जिला अस्पताल से एनबीएमसीएच और वहां से नर्सिग होम और फिर नर्सिग होम से जिला अस्पताल व फिर वहां से एनबीएमसीएच रेफर किए जाने पर बौखलाए परिजनों ने शनिवार को जिला अस्पताल में विरोध प्रदर्शन कर इंसाफ की मांग की।
सिलीगुड़ी सोशल वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के सचिव मोहम्मद नूरुल इसलाम ने रोष जताते हुए कहा कि कहीं इलाज नहीं हो रहा केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। मरीज की जान जा रही है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान एक मोटर साइकिल सवार द्वारा टक्कर मार देने के चलते अशरफ नगर निवासी मोहम्मद कुद्दूस की बांएं पांव की हड्डी टूट गई। 50 वर्ष से कुछ अधिक उम्र के उक्त व्यक्ति को पहले सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसके पांव का असफल ऑपरेशन कर उसे नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) रेफर कर दिया। एनबीएमसीएच वालों ने उसे तीन-चार दिन अपने यहां रखा और जब हालत बिगड़ने लगी तो हाथ खड़े कर दिए। परिजनों ने मजबूरी में उन्हें पहले एक नर्सिग होम व फिर दूसरे नर्सिग होम में भर्ती करवाया। जहां लगभग ढाई लाख रुपये खर्च होने पर हालत मामूली ही सुधरी। मगर, फिर बिगड़ने लगी। उसके बाद आर्थिक रूप से कमजोर उक्त परिवार के लिए उसे जिला अस्पताल ले जाने का अलावा कोई चारा नहीं था। वहां गुरुवार को उसे भर्ती कराया गया। जहां गंभीर हालत होने के बावजूद डॉक्टर ने शुक्रवार को उसकी ड्रेसिंग की और पुन: एनबीएमसीएच रेफर कर इति श्री कर ली। इधर मरीज के पांव में संक्रमण भयावह रूप लेता जा रहा है व उसकी पीड़ा असहनीय होती जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जिंदगी और मौत से जूझते व्यक्ति की चिकित्सा होनी चाहिए या फिर उसे यहां से वहां और वहां से यहां दौड़ाते-दौड़ाते मर जाने को मजबूर कर देना चाहिए? उन्होंने इस मुद्दे को लेकर जिला अस्पताल अधीक्षक से शिकायत कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। इस बारे में जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. अमिताभ मंडल का कहना है कि हमारे यहां जो संसाधन है उससे ज्यादा हम कुछ नहीं कर सकते। डॉक्टर ने मरीज की हालत गंभीर देखते हुए ही उसे एनबीएमसीएच रेफर किया है। इसे लेकर क्या किया जा सकता है। इधर उक्त मरीज को मजबूर हो कर परिजन पुन: एनबीएमसीएच ले गए जहां उसे भर्ती कर लिया गया है लेकिन उसकी पीड़ा में कोई कमी नहीं है। उसके परिजन गहरे आक्रोश में हैं।