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गणतांत्रिक महिला संगठन की नेत्री कोमा में

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : रामघाट के श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह चूल्हा लगाने के मामले को लेकर हुए

By Edited By: Published: Tue, 14 Oct 2014 09:21 PM (IST)Updated: Tue, 14 Oct 2014 09:21 PM (IST)
गणतांत्रिक महिला संगठन की नेत्री कोमा में

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : रामघाट के श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह चूल्हा लगाने के मामले को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन व हंगामे में घायल हुई गणतांत्रिक महिला संगठन की नेत्री गौरी मैत्र के कोमा में चले जाने से अब इस मुद्दे का राजनीतिक रंग और गहरा हो गया है। मंगलवार को वामो नेताओं ने महिला नेत्री की इस स्थिति के लिए उत्तर बंग उन्नयन मंत्री गौतम देव एवं पुलिस प्रताड़ना को जिम्मेदार ठहराते हुए पूरे मामले को कोर्ट में ले जाने की बात कही है। साथ ही यह भी कहा है कि वह इसकी शिकायत राज्यपाल से भी करेंगे और आगामी 16 अक्टूबर को शहर में महारैली निकालेंगे।

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फिलहाल गौरी मैत्र को अचेतनावस्था में जिला अस्पताल से निकालकर वार्ड दस स्थित शांति नर्सिग होम में भर्ती कराया गया है, जहां न्यूरो सर्जन अमिताभ मिश्रा उसका इलाज कर रहे हैं। डाक्टरों के अनुसार उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है। इससे वार्ड के लोगों में काफी रोष है। मंगलवार को महिला को नर्सिग होम में देखकर लौटने के बाद वाममोर्चा की ओर से पूर्व मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य ने पत्रकारों से कहा कि वाममोर्चा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से उत्तर बंगाल उन्नयन मंत्री द्वारा किए गए अबतक के अत्याचार की कहानी बताएगा।

उन्होंने कहा कि रामघाट मामले को लेकर पहले दिन से ही पार्टी जनता को साथ लेकर लगातार आंदोलन कर रही है। 16 अक्टूबर को पार्टी कार्यालय से महारैली निकाल कर इसका विरोध किया जाएगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि गौरी मैत्र वार्ड पांच के नूतनपाड़ा की रहने वाली घरेलू महिला है, जिसके साथ 28 सितंबर को रामघाट में विरोध के दौरान मंत्री द्वारा धक्कामुक्की की गई थी। गौरी ने इस मामले में सिलीगुड़ी थाने में मंत्री के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था, लेकिन न्याय देने के बदले पुलिस उसे लगातार प्रताड़ित कर रही थी। महिला ने अपनी शिकायत में स्पष्ट कहा है कि मंत्री ने जिस प्रकार उसे धक्का दिया उससे गंभीर चोटें आई हैं। उसने शिकायत में यह भी कहा है कि मंत्री की गंदी भाषा और पुलिस की प्रताड़ना से वह दिमागी तौर पर काफी अपमानित महसूस कर रही है।

वामो नेता ने यह भी बताया कि 11 अक्टूबर को भी मंत्री द्वारा निकाली गयी रैली के बाद पुलिस ने मंत्री समर्थकों के साथ उसके घर जाकर उसे अपमानित किया था, इसके बाद सोमवार की रात अचानक उसने अपना दिमागी संतुलन खो दिया। वह किसी को पहचान भी नहीं रही है। महिला की इस स्थिति के लिए सिर्फ और सिर्फ मंत्री और सिलीगुड़ी पुलिस जिम्मेदार है।


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