दागोपाप बहाल करने की मांग हुई तेज
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा गोरामुमो ने एक बार फिर दागोपाप को बहाल करने और जीटीए को खारिज करने की मांग को तेज करते हुए रैली निकाली। रविवार को इस रैली के जरिए पार्टी ने अपनी शक्ति का एहसास भी कराया। हालांकि पार्टी प्रमुख सुभाष घीसिंग फिलहाल स्वास्थ्य लाभ के लिए चेन्नई में हैं लेकिन उनकी पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता प्रमुख मांगों को लेकर जुलूस के अलावा प्रतिदिन ग्रामीण इलाकों में पार्टी का सांगठनिक विस्तार करने में जुटे हैं। वैसे वर्ष 2016 के विधान सभा के चुनाव के मद्देनजर सभी राजनैतिक दलों के साथ गोरामुमो भी खम ठोंक कर मैदान में उतर गया है। पार्टी जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय है। पार्टी इसके जरिए खुद को अपनी पुरानी ताकत लौटाने का प्रयास कर रही है।
गोरामुमो के दार्जिलिंग शाखा संयोजक एमजी सुब्बा ने कहा कि गोजमुमो ने गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन तो किया लेकिन उसने जनता की आंख में धूल झोंकते हुए आखिर में दागोपाप से भी कमतर जीटीए पर राज्य सरकार से समझौता कर लिया। गोरामुमो पर हिंसा की राजनीति के आरोप के बाबत कहा कि सुभाष घीसिंग ने आंदोलन के दौरान ही हिंसा की राजनीति छोड़ दी थी। उन्होंने पहाड़ के लिए आदर्श छठी अनुसूची का दर्जा देकर गोरखा हिल काउंसिल दिए जाने की मांग करते हुए रास्ता तैयार करने की मांग की है। जब तक पार्टी की मांग पूरी नहीं होती है तब तक लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन जारी रहेगा।