जेल में युवक की मौत की होगी न्यायिक जांच
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : एक नाबालिग के अपहरण के मामले में यहां के बागडोगरा निवासी गणेश की यूपी के आजमगढ़ जिले की जेल में हुई मौत के मामले की न्यायिक जांच की जाएगी। गणेश को बिहार के पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
जानकारी के अनुसार इस मौत को लेकर जुलाई के अंतिम सप्ताह में बागडोगरा में कई दिनों तक तनाव का माहौल रहा। 25 जुलाई को डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम की मदद से गणेश चौधरी की मां रीता चौधरी के आवेदन के आधार पर आजमगढ़ के सिंघारी थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसके बाद इस पूरे मामले की जांच के लिए राज्य कानूनी सहायता परिषद ने उत्तर प्रदेश कानूनी सहायता परिषद से मदद मांगी थी। तथ्यों और रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश कानूनी सहायता परिषद ने दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि मामले की न्यायिक जांच कराने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं। पत्र परएके त्रिपाठी के हस्ताक्षर हैं।
कानूनी सहायता परिषद ने यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश की जेल में बंद गणेश के पिता और भाई की रिहाई के लिए सभी प्रकार की कानूनी सहायता नि:शुल्क दी जाएगी। इसकी जानकारी इलाहाबाद उच्च न्यायालय को भी दी गई है। इस सूचना से गणेश के परिजनों में न्याय की आशा जगी है। दार्जिलिंग डिस्ट्रिक लीगल एड फोरम के महासचिव अमित सरकार ने बताया कि बागडोगरा की घटना अत्यन्त निंदनीय थी। वहां जाकर पूरी स्थिति को देखने के बाद मृतक गणेश चौधरी की मां रीता चौधरी ने गणेश की हत्या की बात कहीं थी। रीता चौधरी के आवेदन पर कांड के अनुसंधानकर्ता मनोज सिंह, आजमगढ़ के जेलर व लड़की के पिता सुनील राय को आरोपी बनाया गया था। रीता का कहना है कि गणेश की बिहार से गिरफ्तारी की जानकारी भी उसे नहीं दी गई। यहां तक की उसके शव को भी नहीं दिखाया गया। उसने आशंका जताई कि उसके छोटे बेटे और पति की भी वहां जेल में हत्या की जा सकती है। इसी बात पर यह मामला उच्च स्तरीय जांच के लिए नामजद मुकदमें के साथ केंद्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग तथा राज्य कानूनी सहायता परिषद को सौंपा गया था, जिसके प्रयास से यह कार्रवाई हुई है।