रियायत की अलग अलग दरों पर भड़के उपभोक्ता
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : बकाया टेलिफोन बिल भुगतान के दौरान लोक अदालत के निर्णय के विपरीत रियायत की अलग-अलग दर निर्धारित करने से आक्रोशित उपभोक्ताओं ने रविवार को स्थानीय जिला अदालत परिसर में जमकर हंगामा किया। हालात अनियंत्रित होते देख लोक अदालत के न्यायाधीशों ने हस्तक्षेप कर सभी उपभोक्ताओं को एक समान रियायत की व्यवस्था कराई। तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ। रात आठ बजे तक लोगों के बकाया बिल जमा करने का सिलसिला जारी रहा।
जानकारी के अनुसार गोरखालैंड आंदोलन काल के बकाया बिल का भुगतान मामले की रविवार को मेगा अदालत ने सुनवाई की। जिसमें स्थानीय के अलावा कर्सियांग व कालिम्पोंग के वरिष्ठ जजों के पैनल ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने उपभोक्ताओं को 70 फीसदी रियायत के साथ बकाया बिल का भुगतान करने का आदेश दिया। अदालती आदेश के बाद उपभोक्ताओं ने अदालत परिसर में बने काउंटरों पर बिल का भुगतान करना शुरू कर दिया। यह देख दूर संचार कंपनी के अधिकारियों ने अदालती आदेश से परे रियायत की अलग-अलग दरें तय कर दी। रियायत की दर बकाया बिल के 70 फीसदी के बजाय तत्काल पूरा बिल जमा करने पर 60 फीसदी व किश्तों में जमा करने पर 40 फीसदी कर दिया। इससे उपभोक्ता आक्रोशित हो गए व हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे। परंतु उपभोक्ताओं को काबू करने में असफल रहे। हालात को नियंत्रण से बाहर होते देख मामले की सुनवाई करने वाले जजों ने हस्तक्षेप कर बीएसएनएल अधिकारियों को फटकार लगाने के साथ ही अदालती आदेश के अनुसार सभी को एक समान रियायत सुनिश्चित करने को कहा। इसके बाद बीएसएनएल अधिकारियों ने सभी उपभोक्ताओं को बिल भुगतान में 70 फीसदी रियायत देने का ऐलान किया। तब जाकर दार्जिलिंग महकमे के विभिन्न गांवों से आए उपभोक्ता शांत हुए व रात आठ बजे तक बिल का भुगतान किया।
गौरतलब है कि गोरखालैंड आंदोलन के दौरान जुलाई 2008 से जुलाई 2011 तक गोजमुमो के आह्वान पर लोगों ने टेलिफोन-बिजली बिल समेत सभी सरकारी करों का भुगतान बंद कर दिया था। जिससे सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व की क्षति हुई थी। गोजमुमो ने सरकार से बकाया कर एवं बिल माफ करने की भी गुहार लगाई। परंतु सरकार ने इस निवेदन को ठुकरा दिया था। हालांकि बिल का भुगतान न होने पर बीएसएनएल ने फोन कनेक्शन काट दिए थे। हालांकि बीएसएनएल के अधिकारी, बकाया धनराशि के संबंध में कुछ भी बताने में असमर्थ रहे।