शाही इमाम के बयान की निंदा
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जामा मस्जिद के शाही इमाम द्वारा सहारनपुर दंगे में आरएसएस और भाजपा का हाथ होने की बात कहे जाने की हिंदू संगठनों ने तीव्र निंदा की है। उनका कहना है कि ईद के मौके पर इस तरह का बयान ठीक नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद तथा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गृहमंत्री और राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि इस प्रकार का बयान देने वालों के खिलाफ संविधान के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। संघ के प्रवीण सिंहल, भाजपा के नंदन दास, विहिप के सुशील रामपुरिया व ओम प्रकाश अग्रवाल, सीताराम डालमिया, नरेश टिबड़ेवाल आदि का कहना है कि शाही इमाम एक मर्यादित पद है। धार्मिक संत की उन्हें संज्ञा दी जाती है। ऐसे में उनके द्वारा सहारनपुर में दंगे पर ऐसा बयान ठीक नहीं है। हिन्दूवादी संगठन चाहता है कि सहारनपुर में दंगा क्यों हुआ और इसके पीछे किसका हाथ था? इसकी उच्चस्तरीय जांच हो। जैसा दंगे के बाद समाचार पत्रों में पढ़ने को मिल रहा है, उसके अनुसार यह काफी संवेदनशील मामला है कि कैसे बीस में मिनट के अंदर अंबाला रोड को बरबाद कर दिया गया। लोगों का मानना है कि उपद्रवियों की भीड़ में शामिल बहुत सारे लोग दिखे जिन्हें आगजनी से लेकर पुलिस की गोली से बचने तक की ट्रेनिंग थी। जिस तरह का दंगा सहारनपुर में हुआ ऐसा दंगा तो जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ और बारामूला में होता है। सहारनपुर के बाशिदे ऐसा कर सकते हैं यह भी अपने आप में चौंकाने वाली बात है। दंगाइयों की भीड़ में शामिल वह कौन लोग थे जो कानून को पैरों तले रौंद रहे थे। वे कैसे सीना तानकर पुलिस की गोली के सामने खड़े थे। अगर इस दंगे में राजनीतिक दलों का भी हाथ था, तो उसे भी प्रमाण के साथ उजागर करना चाहिए।