तीर-कमान से लैस आदिवासी दो घंटे तक किए उपद्रव
वाहन के इंतजार में बस अड्डे में बैठी महिलाओं को छह असलहाबंद युवकों ने अगवा कर उनके साथ प्रतीक्षालय की दूसरी मंजिल पर सामूहिक दुष्कर्म किया था।
उत्तर दिनाजपुर/रायगंज, [जेएनएन] । उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज बस अड्डे में चार महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म में तीन नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी न होने पर शुक्रवार को आदिवासियों का गुस्सा फूट पड़ा। हजारों की संख्या में तीर-कमान व लाठियों से लैस आदिवासियों ने बस अड्डे के साथ कई दुकानों के साथ तृकां के श्रमिक संगठन के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया। वहीं दर्जन भर से अधिक वाहनों के साथ ट्रैफिक पोस्ट में भी तोड़फोड़ की। करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चले बवाल के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाद में पुलिस की अकर्मण्यता व सुरक्षा को लेकर व्यापारियों ने भी जुलूस निकाला।
ज्ञात हो कि गत नौ जुलाई को इटहार व कर्णदिली से चार आदिवासी महिलाएं बस अड्डे आईं थीं। भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में बंद के आह्वान के चलते यातायात संसाधनों का टोटा था। वाहन के इंतजार में बस अड्डे में बैठी महिलाओं को छह असलहाबंद युवकों ने अगवा कर उनके साथ प्रतीक्षालय की दूसरी मंजिल पर सामूहिक दुष्कर्म किया था।
हालांकि, अपुष्ट जानकारी के अनुसार महिलाओं की संख्या छह थी, जिसमें दो अभी भी लापता हैं। घटना के बाद पीडि़ताओं ने रायगंज थाने में छह युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें तीन को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। तीन आरोपी अभी फरार हैं।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आधा दर्जन स्वजातीय संगठनों के नेतृत्व में जिले भर के आदिवासी सिलीगुड़ी मोड़ पर एकत्र हुए। आदिवासियों ने दोपहर करीब दो बजे जुलूस निकाला। इस दौरान नाममात्र को पुलिस तैनात थी। जुलूस मोहनबाड़ी बाजार से गुजरते समय उग्र हो गया। तीर-कमान व लाठियों से लैस आदिवासियों ने रायगंज बस अड्डे, डेढ़ दर्जन दुकानें व तृकां श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया। गुजर रहे करीब डेढ़ दर्जन वाहनों के साथ ट्रैफिक पोस्ट में तोड़फोड़ की। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
पुलिस की चुप्पी के चलते कुछ देर के लिए जंगलराज कायम हो गया। दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरने लगे। बाद में कई थानों की पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स व सशस्त्र बल के साथ अपर पुलिस अधीक्षक निकिता फनिंग मौके पर पहुंचीं। आदिवासी शेष तीन नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। आदिवासी नेता दुर्गा मुर्गू ने कहा कि पुलिस निष्कि्रयता के चलते आक्रोशित आदिवासी बेकाबू हो गए थे। यह खेदजनक रहा।
आदिवासियों के जाने के बाद सुरक्षा व पुलिस अकर्मण्यता के विरोध में जुलूस निकाल रोष जताया। पश्चिम दिनाजपुर चेम्बर ऑफ कामर्स के शंकर कुंडू ने घटना पर पुलिस की चुप्पी के विरोध में शनिवार को भी व्यापारिक प्रतिष्ठन व होटल आदि बंद रखने का आह्वान किया।