आदिवासी आंदोलन को लेकर दक्षिण दिनाजपुर में तनाव
-सीएसटीएसपीटी बिल के विरोध में आदिवासियों ने किया रेल अवरोध -हुल दिवस पर सरकारी छुट्टी की मांग पर
-सीएसटीएसपीटी बिल के विरोध में आदिवासियों ने किया रेल अवरोध
-हुल दिवस पर सरकारी छुट्टी की मांग पर आंदोलन
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : दो अलग आदिवासी आंदोलन को लेकर शुक्रवार को दक्षिण दिनाजपुर जिले में तनाव फैल गया। रेल अवरोध से शुरू कर राष्ट्रीय सड़क को जाम किया गया एवं जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। जिले के वंशीहारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुनियादपुर रेलवे स्टेशन पर पहला आंदोलन आदिवासी संथाल समाज की ओर से शुरू हुआ। सीएसटीएसपीटी बिल पारित कराने के जरिए आदिवासियों की जमीन पुन: खरीद व बिक्री से जो कानून चालू होगा उसके विरोध में यह आंदोलन किया गया। बिल पारित कराने के मामले में चलने वाली प्रक्रिया जल्द बंद करने की मांग पर शुक्रवार को संगठन के जिला शाखा से सैकड़ों आदिवासी रेल जाम कर बुनियादपुर स्टेशन पर रेल जाम किया। लगातार दो घंटे तक आंदोलन से स्टेशन के मालदा-बालुरघाट जाने वाली डीएमयू एवं बालुरघाट-सिलीगुड़ी जाने वाली दो ट्रेने रुक गई। इसके बाद मालदा बालुरघाट 512 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुनियादपुर बसस्टैंड पर भी सड़क जाम चला। इस आंदोलन को लेकर महकमा पुलिस के अधिकारी के नेतृत्व में पहले से ही वंशीहारी थाना की पुलिस वाहिनी तैनात थी। संगठन के जिला अध्यक्ष बाबू लाल मुर्मू ने बताया कि अबतक आदिवासियों की जमीन बेचने में काफी दिक्कतें हुई। जिसमें कोई किसी को धोखा देकर उनकी संपत्ति हड़प न सके, लेकिन झारखंड सरकार की ओर से यह बिल पारित करवा कर केंद्र सरकार द्वारा पारित कराने का प्रयास किया जा रहा है। इस बिल के पारित होने पर पुन: आदिवासियों की जमीन की खरीद बिक्री करना आसान हो जाएगा। इस बिल के विरोध में यह आंदोलन शुरू किया गया। इस बिल को नहीं रोके जाने पर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
इधर, दूसरा आंदोलन जिले के सदर शहर बालुरघाट के प्रशासनिक भवन के सामने शुरू हुआ। हुल दिवस सहित उनके कार्यक्रम के दिनों में सरकारी छुट्टी की मांग पर आदिवासी सेनगेल अभियान के सदस्यों ने आवाज उठाई। शुक्रवार शमा को तीन धनुष हंसुआ लेकर बालुरघाट में जिला प्रशासनिक भवन का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। शुक्रवार को नदीपार चकभृगु से एक जुलूस निकलकर पूरे शहर की परिक्रमा की। जुलूस के अंत में प्रशासनिक भवन का घेराव कर आंदोलनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। घेराव के दौरान जिले के आदिवासी मंत्री बाच्चू हासंदा, सभधिपति सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का पुतला जलाया गया। साथ ही आदिवासियों का एक प्रतिनिधि दल उनकी मांगों को जिलाधिकारी को सौंपा। इधर, आदिवासियों के इस कार्यक्रम में अप्रिय घटना से बचने के लिए विशाल पुलिस बल तैनात की गई थी। साथ ही कामबैट फोर्स भी तैनात किया गया। संगठन के जिला अध्यक्ष विभूति टुडू ने बताया कि उनके संप्रदाय के लोग मंत्री से शुरू कर जिला परिषद की सभाधिपति सहित कई लोग उपस्थित थे।