आत्रेइ मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने की केंद्र के हस्तक्षेप की मांग
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : दक्षिण दिनाजपुर जिले से प्रवाहित होने वाली आत्रेइ नदी के गति पथ से बांग्लाद
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : दक्षिण दिनाजपुर जिले से प्रवाहित होने वाली आत्रेइ नदी के गति पथ से बांग्लादेश के बांध को हटाने के लिए मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को पत्र देने की बात कही। उन्होंने इस संबंध में तीस्ता समझौते को लेकर आत्रेइ नदी को लेकर केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। बुधवार को दक्षिण दिनाजपुर जिले के वंशीहारी नारायणपुर उच्च विद्यालय प्रांगण में जनसभा एवं पत्रकारों की बैठक से मुख्यमंत्री ने आत्रेई नदी से बांध हटाने को लेकर राज्य की स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि आत्रेई नदी की समस्या को लेकर बालुरघाट की तृणमूल सांसद अर्पिता घोष पहले संसद में इस मुद्दे को उठाई थी, लेकिन यह राज्य का मामला बताकर केंद्र सरकार ने इससे कन्नी काट ली। मुख्यमंत्री के मुताबिक यह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। इस संबंध में केंद्र को हस्तक्षेप करना होगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि आत्रेई बांध को हटाने के लिए वह केंद्र को पत्र भेजेंगी। मुख्य सचिव को उन्होंने इस मुद्दे को देखने का निर्देश दिया है। ज्ञातव्य है कि बांग्लादेश के चलन बिल से निकलने वाली आत्रेई नदी भारत में प्रवेश करने के बाद फिर बांग्लादेश में जाकर मिली है। इस नदी के गतिपथ पर कुमारगंज में ब्लाक के समजिया से बालुरघाट ब्लाक के डांगी तक 58 किमी तक गतिपथ है। एक वर्ष पहले इस नदी के गतिपथ पर बांग्लादेश की ओर से एक बांध बनाया गया। इस बांध का निर्माण चाइना हाइड्रोलाजीकल इंजीनियरिंग ने बनाया है। जिसका नाम है रबर डैम। इस बांध से आत्रेइ नदी को नियंत्रित किया जा रहा है। इस वजह से कभी इस नदी में पानी रह रहा है तो कभी सूख रहा है। इस नदी से बांध को हटाने के लिए बार-बार आंदोलन किए जा रहे हैं।