अपने पड़ोसी को पहचाने योजना का कार्य रुका
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : सुरक्षित व अपने पड़ोसी को पहचाने परियोजना के दूसरे चरण का काम निर्धारित समय
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : सुरक्षित व अपने पड़ोसी को पहचाने परियोजना के दूसरे चरण का काम निर्धारित समय पर शुरू नहीं हुआ। किरायेदार के रूप में रहने वाले बदमाशों की पहचान करने के लिए पुलिस द्वारा शुरू की गई योजनो करीब करीब रुक गई। हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि यह परियोजना चल रही है जल्द ही दूसरे चरण का काम शुरू हो जाएगा। जिला पुलिस के मुताबिक इस परियोजना को लेकर कड़े कदम उठाये गये हैं। किरायेदारों के सभी तथ्य निर्धारित प्रक्रिया के तहत पुलिस को जमा करना अनिवार्य हो गया है। गौरतलब है कि मालदा में व्यवसायी की हत्या व बालुरघाट के डांगी में किरायेदार के रूप में उत्तर दिनाजपुर के निवासी उत्तर बंग के कुख्यात धनंजय भौमिक की गिरफ्तारी के बाद से जिला पुलिस हरकत में आई। ज्ञात हो कि अपराध को रोकने के लिए व सुरक्षा के कारण से किरायेदार व परिचारिकाओं के सभी सूचनाओं को सूचीबद्ध करने के लिए अगस्त महीने के पहले सप्ताह से सुरक्षित गृह व अपने पड़ोसी को पहचाने नामक परियोजना दक्षिण दिनाजपुर जिला पुलिस ने शुरू की। इस संबंध में निर्धारित वेब साइट व थानों से फार्म भरकर पुलिस को जमा करने की बात मकान मालिकों को दी गई। निर्धारित थाने में या जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय के हेल्प डेस्क में पिछले 14 अगस्त के अंदर भर कर जमा करने की तारीख निर्धारित की गई थी। सीमावर्ती जिले के अपराध की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए आठ प्रखंडों में यह परियोजना चालू की गई। पहली स्थिति में प्रत्येक थानों को फार्म देने का काम शुरू किया गया। बाद में पंचायत समिति व ग्राम पंचायत से भी फार्म दिए जाने की बात बताई गई। ज्ञात हो कि अबतक 493 मकान मालिक व उनके किरायेदारों के तथ्य पुलिस के पास जमा हुए हैं।