थाना प्रभारी ने करा दी भगवान की टीआइ परेड
लक्ष्मी शर्मा संवाद सूत्र, दक्षिण दिनाजपुर: दक्षिण दिनाजपुर की पुलिस कितनी सक्रियता से काम कर रही
लक्ष्मी शर्मा
संवाद सूत्र, दक्षिण दिनाजपुर: दक्षिण दिनाजपुर की पुलिस कितनी सक्रियता से काम कर रही है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जब एक थाना प्रभारी ने भगवान के टीआई परेड कराने का आर्डर दिया। सुनने में अजीब लगने वाली घटना वास्तविक है। जिले के तपन थाना के प्रभारी विश्वजीत भट्टाचार्य ने एक बजरंग बली की मूर्ति की टी आई परेड कराने का आदेश दे दिया। प्राप्त सूचना के अनुसार कई दिनों पहले तपन थाना क्षेत्र के रामपुर इलाके में स्थित एक पुराने मंदिर से भगवान बजरंग बली की मूर्ति चोरी हो गई थी। इसके बाद से ही थाना प्रभारी व पुलिस वालों में काफी गुस्सा था। कुछ दिनों बाद घटनास्थल से तीन किलोमीटर दूर वही मूर्ति एक मछुआरे के जाल में फंसी। पुलिस ने आकर मूर्ति को अपने कब्जे में कर लिया। बाद में मूर्ति के मालिक ने पुलिस को लिखित देकर मूर्ति उन्हें सौंप देने की मांग की। मामले की छानबीन कर रही पुलिस ने भी बातों को स्वीकार किया, लेकिन थाना प्रभारी विश्वजीत भट्टाचार्य ने मूर्ति देने से इंकार कर दिया। मजबूरन मूर्ति मालिक ने मूर्ति वापस पाने के लिए कोर्ट में एक अर्जी दी। जब कोर्ट ने थाना प्रभारी को तलब किया तो उन्होंने भगवान की टीआई परेड कराने का आर्डर दिया, जो अक्सर चोरी, डकैती की घटना में होती है। इस तरह की शिनाख्त गहने-जेवरात में भी होते हैं लेकिन जब उसके मालिकों की संख्या एक से अधिक हो। यहां मूर्ति का दावेदार केवल एक व्यक्ति ही है। इसके बावजूद टीआई परेड कराने का निर्देश दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने थाना प्रभारी विश्वजीत भट्टाचार्य को पहले मार्बल की बनी 6-7 मूर्तियां लाने को कहा, इसके बाद ही टीआई परेड की कार्रवाई शुरू की कराई जाएगी। इस आदेश के बाद थाना प्रभारी व पुलिस आश्चर्यचकित रह गया। यही कारण है कि 6-7 मूर्ति लाकर शिनाख्त कराने के स्थान पर बजरंग बली की मूर्ति को उसके मालिक को दे दिया गया। विषय को लेकर जिला अधिकारी संजय बसु ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। इस तरह की कानूनी प्रक्रिया सही नहीं है। बुद्धजीवियों की माने तो आज के समय से सभी केवल अपनी क्षमता का दुरूपयोग करना जानते हैं। बता दें कि तपन थाना प्रभारी विश्वजीत भट्टाचार्य अपने दबंगई के लिए पूरे जिले में प्रसिद्घ हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने पत्रकारों के साथ भी गलत व्यवहार किया था, जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई थी।