मछली पालन के लिए किसानों को विशेष प्रशिक्षण देगी मत्स्य विभाग
- किसानों को सभा के माध्यम से नहीं, बल्कि संगीत के माध्यम से भी किया जा रहा है उत्साहित - वैज्ञानि
- किसानों को सभा के माध्यम से नहीं, बल्कि संगीत के माध्यम से भी किया जा रहा है उत्साहित
- वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से किसानों को सिखाया जाएगा मछली पालन
संवादसूत्र, चेंगड़ाबांधा : कूचबिहार जिले के मेखलीगंज ब्लाक में इस बार मछली पालन पर किसानों को उत्साहित करने के लिए मत्स्य विभाग विशेष रुप से प्रशिक्षण देगी। मेखलीगंज पंचायत समिति व मत्स्य विभाग की ओर इस प्रकार के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। विशेषज्ञों के परामर्श पर वैज्ञानिक पद्धति से किस प्रकार से मछली का पालन किया जाएगा, उस बारे में किसानों को पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। मेखलीगंज ब्लाक के बीडीओ विरुपाक्ष मित्र ने कहा कि यहां पर मछली पालन की वृद्धि ज्यादा से ज्यादा हो सके, इसके लिए कई कदम उठाए गए है। अतिशीघ्र ही किसानों के लिए इस प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
मेखलीगंज ब्लाक के फिसरी फिल्ड के एसिस्टेंट भरत देवनाथ ने कहा कि मछली पालन के लिए किसानों को उत्साहित करने के लिए इसी चर्चा सभा में उन्हें मछली का चारा दिया गया है। इससे किसान बड़ी आसानी से मछली पालन कर सकेंगे।
प्राप्त खबरों के अनुसार मत्स्य विभाग की ओर से केवल सभा करके नहीं, बल्कि इस बारे में किसानों को उत्साहित करने के लिए लोक संगीत के माध्यम से प्रचार भी किया जा रहा है। शनिवार को सुज्जीत टेबला के माध्यम से ब्लाक के विभिनन प्रांत में प्रचार किया गया। लोक संगीत के माध्यम से कलाकारों ने मछली पालन की उपयोगिता, किसानों को उनकी पद्धति के माध्यम से अवगत कराने का प्रयास किया जा रहा है। मत्स्य विभाग की ओर से यह बताया गया कि बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्र के इस मेखलीगंज ब्लाक में मछली पालन की ज्यादा संभावना है। इसे लेकर किसानों को पहले उत्साहित होते नहीं देखा गया। इलाके में काफी संख्या में तालाब है। बहुत से इलाके है जो नदी के किनारे है। जहां पर अक्सर कुछ इलाके में बाढ़ का पानी रहता है। जिससे वे लोग उस अवसर का लाभ उठा नहीं पाते है। उन्होंने कहा कि अगर वे लोग प्रयास करें, तो कुछ समय में उनकों इसका लाभ मिलेगा। बारिश के समय में अगर मछली पालन किया जाए, तो काफी बेहतर होगा। बारिश के समय में अधिकांश जमीन पर करीब 3-4 महीने तक पानी जमा रहता है।