ऑटो-टोटो का नया समय निर्धारित
आसनसोल: आसनसोल अंचल में पिछले तीन दिनों से चली आ रही बस-मिनी बस की हड़ताल खत्म होने की फिलहाल दूर-दू
आसनसोल: आसनसोल अंचल में पिछले तीन दिनों से चली आ रही बस-मिनी बस की हड़ताल खत्म होने की फिलहाल दूर-दूर तक संभावना नजर नहीं आ रही है। हड़ताल खत्म होने को लेकर प्रशासन की ओर से शुरू की गई पहल ने हड़ताल की जटिलता और बढ़ा दी है। शुक्रवार को प्रशासन की ओर से बाजार में माइ¨कग कर बताया जा रहा है कि जीटी रोड, विवेकानंद सारिणी जैसी मुख्य सड़कें जिन पर बस व मिनी बसों का परिचालन होता है वहां सुबह 8 से 11 बजे तक और शाम 4 से 6 बजे तक कोई ऑटो-टोटो का परिचालन नहीं होगा। एआरटीओ मानस हलदर ने कहा कि सिर्फ टीन नंबर वाले ऑटो को ही परिचालन की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा प्राइवेट नंबर वाली जियो वाहन के कमर्शियल परिचालन पर रोक लगा दी गई है। झारखंड के वाहनों को परिचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। एआरटीओ ने कहा कि मिनी बस वालों की बातें मान ली गई है अब उनलोगों से बस परिचालन शुरू करने को कहा जाएगा।
वहीं मुख्य सड़कों पर सिर्फ कुछ घंटों के लिए आटो- टोटो का परिचालन बंद किए जाने को लेकर बस व मिनी बस वाले और भड़क गए है। मिनी बस आनर्स एसोसियेशन के महासचिव सुदीप राय ने कहा कि ये सरासर आंखों में धूल झोंकने वाली बात है। उनलोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि मिनी बस व बस के रूट में बिना परमिट के किसी आटो- टोटो का परिचालन नहीं होने देंगे। प्रशासन इस तरह की घोषणा कर उनलोगों को और बेवकूफ नहीं बना सकती है। बस- मिनी सब रूट पर आटो- टोटो परिचालन बंद करने को वह लोग पिछले कई वर्षों से आंदोलन कर रहे है। प्रशासन की ओर से अगर सकारात्मक पहल की जाती तो अब तक आटो- टोटो पर अंकुश लग जाता। जब तक बिना रूट परमिट के आटो- टोटो का परिचालन बंद नहीं होता है वह लोग बस व मिनी बस का परिचालन शुरू नहीं करेंगे। श्री राय ने कहा कि अगर बस व मिनी बस का हड़ताल समाप्ति के लिए प्रशासन उचित कदम नहीं उठाती है तो ये हड़ताल और व्यापक होगा। सूत्रों के अनुसार, बांकुड़ा, पुरूलिया, वीरभूम, वर्दमान आदि जगहों के बस मालिकों से भी संपर्क किया जा रहा है और जरूरत हुई तो वह लोग भी समर्थन में हड़ताल करने को आगे आएंगे। वहीं शुक्रवार की शाम भी बस व मिनी बस ऑनर्स एसोसिएशन की बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि जब तक प्रशासन ऑटो व टोटो पर अंकुश नहीं लगाएगी तब तक बसों का परिचालन बंद रहेगा। दूसरी आओ, बसों का परिचालन बंद रहने से सड़क से लेकर बाजार तक अघोषित बंदी सा नजारा दिख रहा है। एक ओर मानसून की मार तो दूसरी ओर तीन दिनों से चली आ रही बसों की हड़ताल ने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश व बसों की हड़ताल के कारण आसनसोल मुख्य बाजार में सन्नाटा सा पसरा दिख रहा है। कई दुकानें बंद है तो जो खुली है उनमें ग्राहक नदारद है।
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मुख्यालय से कटा ग्रामीण अंचल:
पिछले तीन दिनों से शिल्पांचल में चल रही बस हड़ताल ने स्थिति काफी कर दी है। बसों का परिचालन ठप रहने से दूर-दराज के ग्रामीण अंचल जिला मुख्यालय से पूरी तरह से कट चुके है। बहुत कम ही लोग है जिनके पास निजी वाहन है, अधिकांश लोग कहीं आने- जाने के लिए बस सेवा पर ही निर्भर रहते है। ऐसे में बसों का परिचालन बंद रहने से लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सबसे खराब स्थिति स्कूली बच्चों की है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में आकर पढ़ने वाले बच्चे पिछले तीन दिनों से स्कूल- कॉलेज नहीं आ सके है। स्कूल-कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम हो रही है।