जैविक खेती के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
कुल्टी: स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जहरीले कीटनाशक की बजाय शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुल्टी कालेज रोड
कुल्टी: स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जहरीले कीटनाशक की बजाय शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुल्टी कालेज रोड के माउथ डीह मौजा में जैविक खेती के लिए पायलट प्रोजेक्ट की कुल्टी में पहली बार शुरुआत
की गई। इस प्रोजेक्ट को कोलकाता
की संस्था मिलन तीर्थ एवं जुपिटर
फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आरंभ किया गया है।
वर्तमान में रासायनिक खेती से होने वाली उपज एवं मानव द्वारा उसके उपयोग के कारण बढ़ती बीमारी को देखते हुए कुल्टी जैसे छोटे शहर में जैविक खेती की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहली बार पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ माउथडीह के कुल्टी कालेज रोड में आरंभ किया गया है। प्रथम चरण में 20 कट्ठा भूमि पर 4 प्रकार की सब्जियों की जैविक खेती का शुभारंभ किया गया। जिसमें टमाटर, धनिया पत्ता, कुम्हड़ा एवं पपीता शामिल है। इस बारे में कोलकाता मिलन तीर्थ संस्थान के उत्पाद विकास निदेशक बुद्धदेव ने बताया कि भारत में अधिकतर बीमारियों की जड़ रासायनिक खेती से होने वाली उपज है। जिसके कारण जन्म से लोग बीमारी की चपेट में आ जाते है। ऐसे में जैविक खेती ही स्वास्थ्य के लिए एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए कारगर माध्यम है। साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा मिलने से रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा। कुल्टी में 20 कट्ठा भूमि पर पहली बार जैविक खेती के लिए पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया है। यहां जैविक (ऑर्गेनिक) और सूक्ष्म जैविक(माइक्रो ऑर्गेनिक) के साथ बिना मिट्टी के बालू के ऊपर सामान्य सब्जियों को उगाया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य के प्रति सचेतना और जागरूकता के साथ लोगो को यहा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए
प्रशिक्षित भी किया जाएगा। ताकि लोगो को जैविक खेती के माध्यम से रोजगार मुहैया कराया जा सके। मांग और स्वास्थ्य के लिए पहले चरण में धनिया पत्ता, कुम्हड़ा , पपीता एवं टमाटर
उगाया जाएगा, क्योंकि ये साल भर खपत होने वाली सामान्य सब्जी है। जैविक खेती में मिट्टी के क्षरण की भी संभावना कम होने के साथ उर्वरक क्षमता हमेशा बरकरार रहती है। जैविक खेती से सामान्यत: एक टमाटर के पौधे में 9 केजी तक टमाटर की उपज हो सकती है। कुल्टी में जैविक खेती को धरातल पर लाने की परिकल्पना को साकार करने वाले समाजसेवी अरूप राय ने बताया की मेरा मूल उद्देश्य स्वस्थ समाज के साथ रोजगार की परिकल्पना को साकार करना है। साथ ही छोटे छोटे शहरों में लोगो को जैविक खेती के प्रति जागरूक करना है।