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हड़ताल 30 को, आइएनटीटीयूसी करेगी विरोध

जासं, आसनसोल : केंद्र सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल 2014 के विरोध में 30 अप्रैल को देशभर म

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:07 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:07 AM (IST)
हड़ताल 30 को, आइएनटीटीयूसी करेगी विरोध

जासं, आसनसोल : केंद्र सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल 2014 के विरोध में 30 अप्रैल को देशभर में परिवहन हड़ताल होगी। इंटक से संबद्ध परिवहन कर्मी यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष संजय सेनगुप्ता ने कहा कि शिल्पांचल में भी हड़ताल को सफल बनाया जाएगा। दूसरी ओर आइएनटीटीयूसी ने हड़ताल का विरोध करने की घोषणा की है, उनका दावा है कि शिल्पांचल में हड़ताल का कोई असर नहीं होगा। इंटक नेता संजय सेनगुप्ता ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था आम जनता के यातायात का महत्वपूर्ण साधन है। लेकिन सरकार ने जो रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल 2014 लाया है, यह लागू होता है तो परिवहनकर्मियों के लिए भारी परेशानी खड़ी होगी। सभी 13 केंद्रीय यूनियनों द्वारा केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को संयुक्त मोर्चा के बैनर तले इसमें कुछ संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था। मगर सरकार ने इस कानून में संशोधन को नहीं माना। जिसके विरोध में 30 अप्रैल को देशभर में यूनियनें परिवहन हड़ताल को बाध्य हुई। उन्होंने बताया कि इस बिल के अनुसार नशे की हालत में वाहन चलाने पर 50 हजार रुपये जुर्माना, 6 माह से एक साल की जेल, हेल्मेट नहीं पहने पर ढाई हजार रुपये, सीट बेल्ट न पहनने पर पांच हजार रुपये, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर 4 हजार से 10 हजार रुपये, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने पर 5 से 15 हजार रुपये, अधिक तेज गति से वाहन चलाने पर 5 हजार से 50 हजार रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव है। वहीं वाहन के धक्क से बच्चे की मौत होने पर सात लाख मुआवजा व सात साल की जेल, अन्य की मौत होने पर एक लाख जुर्माना व चार साल की जेल का प्रस्ताव है।

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बंगाल में हड़ताल की जगह नहीं : राजू

आइएनटीटीयूसी से संबद्ध आसनसोल सब डिवीजनल मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन महासचिव राजू अहलूवालिया ने कहा कि आम दिनों की तरह 30 अप्रैल को भी परिवहन व्यवस्था सामान्य रहेगी। शिल्पांचल में हड़ताल का कोई असर नहीं रहेगा। टीएमसी बंद व हड़ताल की राजनीति पर विश्वास नहीं करती है। बंद से सिर्फ नुकसान होता है। बंगाल की धरती पर हड़ताल या बंद के लिए जगह नहीं है।


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