बिहार में पड़ी परिजनों की डांट, नैनीताल पहुंच गई मासूम, पढ़ें पूरी खबर...
बड़ों की डांट पड़ने पर मासूम बच्चे क्या करते हैं। थोड़ी देर मुंह फुलाकर बैठ जाते हैं और फिर उनकी छोटी-छोटी फरमाइश पूरी करने पर फिर अपने उसी बचपने में लौट आते हैं। मगर बिहारी निवासी एक बच्ची मां-पापा की डांट पर बिहार से उत्तराखंड पहुंच गई।
नैनीताल। बड़ों की डांट पड़ने पर मासूम बच्चे क्या करते हैं। थोड़ी देर मुंह फुलाकर बैठ जाते हैं और फिर उनकी छोटी-छोटी फरमाइश पूरी करने पर फिर अपने उसी बचपन में लौट आते हैं। मगर बिहार निवासी एक बच्ची मां-पापा की डांट पर मीलों सफर तय कर बिहार से उत्तराखंड के काठगोदाम पहुंच गई। है न इस बच्ची का गुस्सा करने का अंदाज चौंकाने वाला।
28- बाहरी बेगमपुर वार्ड 46 अंचल पटना, बिहार निवासी प्रमोद दास व रंजू देवी की बेटी आरती पहली कक्षा में पढ़ती है। गोविंद मजदूरी कर परिवार की आजीविका चलाता है। चार फरवरी को घरवालों ने मासूम आरती को किसी बात पर डांट दिया। बस फिर क्या था। घरवालों की बात आरती के मासूम दिल को इस कदर नागवार गुजरी कि उसने घर छोड़ने की ठान ली।
आरती सीधे ट्रेन में बैठी और कई किलोमीटर का सफर तय नैनीताल जिले के काठगोदाम पहुंच गई। अनजान जगह पहुंचकर आरती का मन बैठने लगा। वह यहां से वहां भटकने लगी। तीन दिन पहले उसे आरपीएफ के जवानों ने उसे रेलवे स्टेशन पर घूमते देखा।
जवानों ने उससे बात की तो बेचारी पूरी तरह से सहमी हुई थी। इसके बाद उसे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। चाइल्ड लाइन ने पटना के थानों में संपर्क किया गया तो मालूम चला कि बच्ची के परिजनों ने उसके गुमशुदगी दर्ज की हुई है।
चाइल्ड लाइन ने आरती क परिजनों को उनकी बच्ची की सूचना दी। कल आरती के माता-पिता नैनीताल पहुंचे। अपने माता-पिता को देख बच्ची अपना सारा गुस्सा भूल उनकी बांहों में आ गई। परिजन भी बच्ची को पाकर बेहद खुश नजर आए।
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