Move to Jagran APP

कोर्ट के चक्‍कर काटने की जरुरत नहीं, अब एक रुपये में मिलेगा न्याय

विशायल खत (पट्टी) के 18 गांवों की महापंचायत में निर्यण लिया गया कि पहले ही तरह एक रुपये में न्याय मिलेगा। इसके लिए राजस्व पुलिस व तहसील के चक्कर काटने की जरूरत नहीं।

By sunil negiEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 09:13 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 05:30 AM (IST)
कोर्ट के चक्‍कर काटने की जरुरत नहीं, अब एक रुपये में मिलेगा न्याय

चकराता, [भीम सिंह चौहान]: जौनसार बावर देहरादून जिले का वही क्षेत्र है, जहां दलित एवं महिलाओं के मंदिरों में प्रवेश को लेकर न केवल सवाल उठते रहे हैं, बल्कि कई दफा विवाद भी खड़े हो चुके हैं। लेकिन, यही वह क्षेत्र भी है, जिसने रुढ़ीवादी व दकियानूसी प्रथाओं को तिलांजलि देकर नए समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।

loksabha election banner

इसका उदाहरण है विशायल खत (पट्टी) के 18 गांवों की महापंचायत। जिसमें सभी गांवों के स्याणाओं ने न सिर्फ रुढ़ीवादी प्रथाओं के खात्मे का एलान किया, बल्कि खत के गांवों में खुमड़ी व्यवस्था लागू करते हुए यह भी तय किया कि यहां सभी को पहले ही तरह एक रुपये में न्याय मिलेगा। इसके लिए राजस्व पुलिस व तहसील के चक्कर काटने की जरूरत नहीं।

कालसी ब्लाक की कोटी कालोनी में आयोजित इस महापंचायत में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। तय हुआ कि समाज के बदलते परिवेश को देखते हुए खत की परिधि में आने वाले सभी मंदिरों में धर्म व जाति के नाम प्रवेश पर कोई रोक-टोक नहीं होगी। दलित व महिलाएं भी बेझिझक मंदिरों में प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन, मंदिरों में प्रवेश के नाम पर राजनीति करने की किसी को इजाजत नहीं होगी।
पढ़ें:-अब छिपे नहीं रहेंगे बृहस्पति ग्रह के राज, जूनो अंतरिक्ष यान बताएगा वहां के हाल
सभी स्याणाओं ने अपने-अपने गांव के रीति-रिवाज व परंपराओं को महापंचायत के सामने रखा और विशायल खत को आदर्श खत के रूप में स्थापित करने पर विचार-मंथन किया।
महापंचायत की अध्यक्षता करते हुए खत स्याणा जगत सिंह चौहान ने कहा कि खत के भीतर होने वाले सभी कार्यों में दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए। हर गांव और वहां के लोग एक-दूसरे के दुख-सुख में शामिल हों।
पढ़ें-केदारनाथ मंदिर इतने सौ सालों तक दबा रहा बर्फ के अंदर, जानने के लिए पढ़ें.
महापंचायत में गांव में होने वाले विवादों को गांव स्तर पर निपटाने, दहेज प्रथा को समाप्त करने, हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने का संकल्प भी लिया गया। इस मौके पर साहिया में होने वाली छह खतों की महापंचायत के लिए गांवों के मुअज्जिज लोगों का चयन भी किया गया। महापंचायत में स्याणा प्रताप चौहान, सूपाराम, मेहर सिंह, जालम सिंह चौहान, शेर सिंह, नारायण दत्त, सरदार सिंह, भाव सिंह, दर्शन सिंह चौहान, मदन नेगी, गीताराम पांडेय, काशीराम, अमर सिंह, सूरत सिंह, कुंवर दत्त, सीताराम नेगी, रमेश शर्मा, रणवीर चौहान, संतराम आदि मौजूद रहे। संचालन श्रीचंद शर्मा ने किया।

महापंचायत के निर्णय

  • विशायल खत के 18 गांवों में खुमड़ी व्यवस्था लागू, एक रुपये में पीडि़त को गांव में ही मिलेगा न्याय। अपराधी होंगे दंडित।
  • खत के सभी गांवों के मंदिरों में दलितों व महिलाओं के प्रवेश पर रोक पूरी तरह खत्म।
  • खत में जौनसारी रिवाज से होने वाले विवाह में घी व डीजे बंद, दहेज प्रथा भी खत्म।
  • खत के गांवों में बेटी की शादी में मीट बनाना प्रतिबंधित।
  • नियमों का उल्लंघन करने वाले गांव या व्यक्ति का खत से होगा बहिष्कार।

इन गांवों पर लागू होंगे फैसले
महापंचायत के फैसले खत विशायल के लेल्टा, पाटा, जडाना, देसोऊ, डांडा, सराड़ी, कांडी, रूपौ, मंडवाण, कोटा, दोऊ, अतलेऊ, डिमऊ, सिमोग, टिकोऊ, कोटी, कफाणी व भगासा गांवों के ग्रामीणों पर लागू होंगे।

पढ़ें-उत्तराखंड में अब पौधों पर नहीं, पेड़ पर उगेंगे टमाटर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.