इस दिलेर ने कारगिल स्थित क्रेवास में फंसे युवक को बचाया
निम उत्तरकाशी के विनोद गुसांई ने कारगिल में माउंट कुन पर्वतारोहण के दौरान क्रेवास में फंसे प्रशिक्षणार्थी को सुरक्षित बाहर निकालकर एक बार फिर दिलेरी का काम किया।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी के प्रशिक्षक एक बार फिर से अपने हुनर और साहस का परिचय दिखाया है। इस बार निम उत्तरकाशी के विनोद गुसांई ने कारगिल में माउंट कुन पर्वतारोहण के दौरान क्रेवास में फंसे प्रशिक्षणार्थी को सुरक्षित बाहर निकाला।
भारतीय पर्वतारोहण फाउण्डेशन, नई दिल्ली हर वर्ष क्लाइम्बथौन का आयोजन करता रहा है। इस बार 4 अगस्त से 27 अगस्त तक यह क्लाइम्बथौन चल रहा रहा है। इस आयोजन में अल्पाइन तरीके से पर्वतारोहण किया जाता है। इस वर्ष के पर्वतारोहण के निम उत्तरकाशी से निवासी विनोद गुसांई को भेजा गया।
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विनोद गुसांई ने 2009 में एवरेस्ट विजय किया है। 4 अगस्त को दिल्ली से प्रशिक्षक विनोद गुसांई पर्वतारोहण की टीम के साथ कारगिल की 47076 मीटर ऊंची माउण्ट कुन पर्वत का आरोहण शुरु किया।
इस अभियान के दौरान 19 अगस्त को माउंट कुन के बेस कैंप से कैंप-1 की ओर जाते समय मुरादनगर निवासी प्रशिक्षणार्थी भूपेश कुमार 25 मीटर गहरे क्रेवास में गिरा। क्रेवास में विनोद गुसांई ने किसी के चिल्लाने की आवाज सुनी तो वह तुरंत क्रेवास के निकट पहुंचे। जहां क्रेवास में भूपेश कुमार फंसा हुआ था।
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विनोद ने खुद की जान की परवाह किए बगैर 25 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद भूपेश को बाहर निकाला। 25 मिनट तक क्रेवास में फंसे रहने के दौरान भूपेश के हाथ पैर सुन पड़ चुके थे। इस कारण विनोद गुसांई ने उन्हें बेस कैंप में भेजा।
निम उत्तरकाशी के प्रशिक्षकों का एक पहला सफल आपरेशन नहीं है बल्कि इससे पहले भी जून 2016 में द्रोपदी का डांडा के आरोहण के दौरान क्रेवास में फंसी एक प्रशिक्षणार्थी की जान बचाई थी।
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निम उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि विनोद गुसांई जो निम उत्तरकाशी का प्रशिक्षक है। निम का प्रशिक्षण होने के कारण विनोद सर्च एंड रेस्क्यू निपुण है। जिसके कारण विनोद गुसांई ने क्रेवास में फंसे प्रशिक्षणार्थी को कम समय व सुरक्षित रूप में बाहर निकाला।
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