Move to Jagran APP

हकीकत: सात गांवों को तीन साल से पुल का इंतजार

उत्‍तरकाशी मुख्‍यालय से मोरी ब्लॉक 165 किलोमीटर दूर है, जहां 35 किलोमीटर जखोल से आगे पंचगाई पट्टी के सात गांवों के ग्रामीण आज भी खुद को उपेक्षित मान रहे हैं।

By Gaurav KalaEdited By: Published: Sat, 11 Feb 2017 02:03 PM (IST)Updated: Sun, 12 Feb 2017 07:00 AM (IST)
हकीकत: सात गांवों को तीन साल से पुल का इंतजार
हकीकत: सात गांवों को तीन साल से पुल का इंतजार

उत्तरकाशी, [राधेकृष्ण उनियाल]: उत्तरकाशी जनपद के पंचगाई पट्टी के सात गांवों को सड़क से जोड़ने की मुहिम पर खेड़ा घाटी में पुल निर्माण ने ब्रेक लगा रखी है। 54 मीटर स्पान के इस पुल की डीपीआर पीएमजीएसवाइ ने तीन वर्ष पहले शासन को भेजी थी, लेकिन अभी तक मंजूरी न मिलने से निर्माण अधर में लटका है। इस कारण ग्रामीण रोजाना एक तरफ से ही 15-16 किमी की पैदल दूरी नापने को मजबूर हैं।

loksabha election banner

जिला मुख्यालय से मोरी ब्लॉक 165 किलोमीटर दूर है, जहां 35 किलोमीटर सड़क मार्ग से और आगे जखोल पहुंचते हैं। जखोल से आगे पंचगाई पट्टी के सात गांवों के ग्रामीण आज भी खुद को उपेक्षित मान रहे हैं।

यह भी पढ़ें: इस गांव के लोगों ने पेश की मिसाल, खुद दूर की पेयजल समस्या

इन गांवों में सबसे दूरी वाला गांव लिवाड़ी है, जो जखोल से 16 किमी दूर है। फिताड़ी गांव 12, रैक्चा 11, हरीपुर 14, पुलेजी 15 किलोमीटर पैदल दूरी पर हैं। इन गांवों की करीब साढ़े चार हजार की आबादी को सड़क से जोड़ने के लिए वर्ष 2011 में जखोली फिताड़ी मोटर मार्ग की स्वीकृति मिली थी।

यह भी पढ़ें: दस किमी पैदल चलकर गांव पहुंचे डीएम, सुनी समस्याएं

वर्ष 2012 में जखोल गांव से सड़क कटिंग का कार्य अब तक नौ किलोमीटर तक पहुंच गया है। लेकिन, जखोल से दो किमी दूर खेड़ा बेंचा घाटी स्थित सूपिन नदी पर मोटर पुल नहीं बन पाया है। इसके कारण नदी के दूसरी ओर वाहन नहीं जा पा रहे हैं। पीएमजीएसवाइ के अधिकारियों की मानें तो तीन साल पहले उन्होंने डीपीआर शासन को भेजी थी, जो आज तक मंजूर नहीं हुई। सड़क मार्ग के अंतिम पड़ाव जखोल से 12 किमी दूर फिताड़ी गांव के बलवीर सिंह राणा कहते हैं कि पुल के कारण उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण भी अधूरा पड़ा है। पुलेजी गांव के महावीर राणा का कहना है कि इस मार्ग पर पुल बन पता तो काफी आगे तक उन्हें आवागमन में सुविधा मिलती।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के साढ़े 17 हजार गांव आज भी तरस रहे पानी को

पीएमजीएसवाइ के सहायक अभियंता सुभाष कुमार ने बताया कि जखोल-फिताड़ी मोटर मार्ग पर कटिंग कार्य चल रहा है। बेंचा-खेड़ा घाटी में बनने वाले पुल की डीपीआर शासन को तीन साल पहले भेजी गई थी, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है।

यह भी पढ़ें: 80 साल की 'स्प्रिंग' पर 15 हजार का बोझ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.