सड़कों ने भी दिया यात्रा को साथ
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: आपदा के बाद से यह पहला बरसात का सीजन है, जब गंगोत्री हाईवे पर अभी तक यात
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: आपदा के बाद से यह पहला बरसात का सीजन है, जब गंगोत्री हाईवे पर अभी तक यात्रा सुखद रही है। इसका मुख्य कारण ये है कि बीआरओ की टीम ने डेंजर जोन का वैज्ञानिक ढंग से उपचार किया है। इस बार किसी भी डेंजर जोन में न तो मलबा आया और न हाईवे बंद हुआ।
वर्ष 2013 में आपदा के दौरान गंगोत्री हाईवे तीन माह तक लगातार बंद रहा था। वर्ष 2014 में भी स्थिति बदहाल रही। वर्ष 2015 से कुछ सुधार आना हुआ। वर्ष 2016 में गंगोत्री हाईवे के डेंजर जोन ने खास परेशान किया। गंगनानी व हेलगू गाड के पास तो लगातार पांच दिन तक हाईवे बंद रहा। इसके साथ ही डेंजर जोन नेताला, डीएम स्लाइड, रतूड़ी सेरा, नालूपानी, चढ़ेती धरासू में भूस्खलन से हाईवे बंद हुआ था। बीआरओ ने इन डेंजर जोन को वैज्ञानिक तरीके उपचार किया। इसमें डेंजर जोन के ऊपर से पानी के स्त्रोत को डायवर्ट किया। इसके साथ मोटे तार के जाले भी कई स्थानों पर बिछाये गए। दलदल वाले स्थानों पर झकड़ा जड़ वाली प्रजाति के पौधों का रोपण भी किया। हाईवे के अधिकांश हिस्सों में डामरीकरण तथा डेंजर जोन वाले हिस्सों में सुरक्षा दीवारों का निर्माण कर लिया है। नेताला में दलदल वाले हिस्से में हाईवे के किनारे दीवार खड़ी कर मलबे को सड़क पर आने से रोकने के इंतजाम किए गए। सबसे बेहतर उपचार गंगनानी, नेताला, डीएम स्लाइड व रतूड़ी सेरा के डेंजर जोन का किया गया है। साथ ही इन स्थानों पर हाईवे को चौड़ा भी किया गया तथा पानी निकाली के लिए नालियां भी बनाई गई। इसी कारण इस बार स्थानीय लोग व पर्यटक हाईवे की स्थिति देख खुश नजर आ रहे हैं।
गंगनानी, नेताला, डीएम स्लाइड व रतूड़ी सेरा सहित अन्य डेंजर जोन को वैज्ञानिक तरीके से उपचार किया गया। इसका परिणाम इस बार की बरसात में देखने को मिला है। अन्य स्थानों पर अगर पत्थर व मलबा हाईवे पर आता है तो उसे हटाने के लिए भी जगह-जगह मशीनें भी तैनात हैं।
-एससी लूनिया, कमांडर, बीआरओ उत्तरकाशी