दूध के 30 खाली पैकेट के बदले मिला दूध नया पैकेट
उत्तरकाशी में स्वच्छता को लेकर जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है। आंचल और अन्य दूध की 30 खाली थैलियों के बदले एक थैली दूध मुफ्त दिया जाएगा।
By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 06:42 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 04:00 AM (IST)
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: जनपद में स्वच्छता को लेकर जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने जहां गुजरात से लौटी महिला ग्राम प्रधानों से स्वच्छता मिशन लेकर अनुभव साझा किए वहीं कहा कि गांव में सबसे अधिक स्वच्छता मिलेगी वहां और अधिक कार्य करने के लिए मनरेगा से 5 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। साथ ही गांव में आंचल और अन्य दूध की 30 खाली थैलियों के बदले एक थैली दूध मुफ्त दिया जाएगा।
जनपद में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 28 महिला प्रधान गुजरात के गांधीनगर में गई थी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर वहां प्रधानमंत्री ने इन महिलाओं को सम्मानित किया था। उत्तरकाशी लौटने पर ये महिलाएं जिलाधिकारी से मिली और गुजरात भ्रमण के अनुभव को साझा किया।
गांधीनगर के दंताली गांव की सफाई व्यवस्था से प्रभावित उत्तरकाशी की बड़ी मणि गांव की पूनम रोमला ने कहा कि वह दंताली गांव का मॉडल अपने गांव में अपनाएंगी। मोरी ब्लाक के डगोली गांव की प्रधान शशिबाला नौटियाल ने कहा कि गुजरात भ्रमण में उन्हें काफी कुछ सीखने को मौका मिला है।
हमें अपने गांव में अपनी सोच बदलनी है और स्वच्छता अभियान को सामूहिक रूप से चलाना होगा। जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि हर माह अपने गांव के साथ-साथ स्कूल, पंचायत घर, आंगनबाड़ी केंद्र, एएनएम सेंटर में एक निश्चित तिथि को सफाई अभियान चलाएं। कहा कि जो गांव सबसे अधिक स्वच्छ होगा उस गांव को मनरेगा से पांच लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी।
साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि जो महिला प्रधान व महिला समूह आंचल दूध के 30 खाली पैकेट एकत्र कर लाएगा, उसे एक पैकेट दूध मुफ्त दिया जाएगा। इस मौके पर गणेशपुर की प्रधान पुष्पा चौहान ने कहा कि वह अपनी ग्राम पंचायत में पानी की निकासी, व्यक्तिगत एवं सामूहिक कूड़ादान स्थापित करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करेंगी। इस मौके पर प्रधान बधांणगांव गुड्डी देवी, धारी पल्ली की प्रधान हेमलता डोभाल, मनेरी ग्राम प्रधान संजीता रावत, लदाड़ी की बीना पंवार आदि मौजूद थे।
वर पक्ष से पूछें शौचालय है कि नहीं
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने महिला प्रधानों व ग्रामीणों से अपील की कि जब बेटी की शादी का रिश्ता करें तो सबसे पहले वर पक्ष के लोगों से यह पूछें कि ससुराल में शौचालय है या नहीं। अगर शौचालय नहीं हो तो यह शर्त अवश्य रखी जाए कि जब तक शौचालय नहीं बनेगा तब तक गृह प्रवेश नहीं होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि हर बेटी का अधिकार है कि वह स्वच्छ माहौल में रहे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें