अध्यापकों के बीच ड्रेस कोड पर संशय बरकरार
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : शिक्षा मंत्री के निर्देश अनुसार सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ड्रेस
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : शिक्षा मंत्री के निर्देश अनुसार सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ड्रेस अनिवार्य किए जाने के बाद उत्तरकाशी में प्राथमिक, जूनियर व माध्यमिक स्कूलों के कुछ शिक्षकों ने ड्रेस बनानी शुरू की, लेकिन इस बीच शिक्षक संगठनों के निर्देश के बाद शिक्षकों में ड्रेस कोड को लेकर संशय बन गया है।
सुदूरवर्ती जनपद उत्तरकाशी में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक शिक्षकों की संख्या 4000 के करीब है। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने एक अगस्त से सभी स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किए जाने के बाद कुछ शिक्षकों ने नाप की शर्ट और पैंट बनानी शुरू की। उत्तरकाशी शहर के जोशियाड़ा, ज्ञानसू तथा मुख्य बाजार में 40 दर्जियों की दुकानें हैं। दर्जी का काम करने वाले सोबत ¨सह थलवाल ने बताया कि उनके पास हर दिन तीन से चार शिक्षक ड्रेस बनाने आ रहे हैं। कुछ शिक्षकों की ड्रेस बनाकर दे दी हैं। कुछ शिक्षक केवल कपड़े का मूल्य तथा सिलाई का मूल्य पूछ रहे हैं। दूसरी ओर संगठन ने ड्रेस कोड का विरोध किए जाने पर वे शिक्षक भी संशय में आ गए हैं जिन्होंने ड्रेस सिलवाने के लिए दे रखी है। प्राथमिक शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष उदय ¨सह बिष्ट का कहना है, कि हो सकता है कुछ शिक्षकों ने ड्रेस बनानी शुरू कर दी हो, लेकिन प्राथमिक शिक्षक संगठन प्रांत स्तर पर जल्द ही बैठक करेगा। ड्रेस कोड को वे पूरा विरोध कर रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ के जिला महामंत्री अतोल ¨सह महर ने बताया कि राजकीय शिक्षक संघ प्रांत स्तर पर इसका विरोध कर चुका है। ड्रेस कोड का विरोध जारी रहेगा। सभी शिक्षकों से अपील की गई है कि वे ड्रेस न बनाएं।