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बदहाल ट्रैक पर जोखिम भरा है डोडीताल के रोमांच का सफर

उत्तरकाशी जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल डोडीताल का सफर जोखिम भरा है। यहां का ट्रैक बदहाल है। इसे सुधारने में सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 12:21 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 05:02 AM (IST)
बदहाल ट्रैक पर जोखिम भरा है डोडीताल के रोमांच का सफर
बदहाल ट्रैक पर जोखिम भरा है डोडीताल के रोमांच का सफर

उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: पर्यटन सीजन सिर पर है और पैदल यात्रा व ट्रैक रूट बदहाल पड़े हैं। सबसे बुरा हाल समुद्र तल से 3024 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल डोडीताल का है। इस ओर न तो जिला पंचायत का ध्यान है और न वन विभाग ने ही पैदल रास्ते को दुरुस्त करने की जहमत उठाई। ऐसे में पर्यटकों को इस ट्रैक रूट पर जोखिमभरा सफर तय करना पड़ रहा है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक एक हजार से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक डोडीताल की ट्रैकिंग कर चुके हैं। 

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जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से डोडीताल की दूरी 40 किलोमीटर है। इसमें से 22 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। चारों ओर पहाड़ व घने जंगल से घिरे डोडीताल की खूबसूरती देखते ही बनती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए डोडीताल झील को गणेशताल भी कहते हैं। 

इस झील से भागीरथी की सहायक नदी असी गंगा निकलती है, जो उत्तरकाशी के पास गंगोरी में भागीरथी में मिलती है। यहां भगवान गणेश व मां अन्नपूर्णा का मंदिर भी है।

हैरत देखिए कि इतना महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल होने के बावजूद बीते पांच साल से बदहाल पड़े डोडीताल पैदल मार्ग की सुध नहीं ली गई। संगमचट्टी से लेकर डोडीताल तक जगह-जगह यह मार्ग क्षतिग्रस्त पड़ा है। वर्ष 2012 की आपदा में यह मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2016 तक वन विभाग उत्तरकाशी ने मार्ग के पुनर्निर्माण पर आपदा मद से करीब 80 लाख रुपये खर्च किए।  

अब भी यहां कदम-कदम पर डेंजर जोन बने हुए हैं। संगमचट्टी के पास करीब एक किलोमीटर हिस्सा दलदल होने के कारण हर बरसात में धंस रहा है। बावजूद इसके वन विभाग ने इसका समाधान नहीं निकाला। मार्ग पर आगे भी पर्यटकों को बड़े स्लिप जोन पार करने पड़ रहे हैं, जहां पत्थर व मलबा लगातार गिरता रहता है। 

यही नहीं, अगोड़ा से आगे भेबरा व मांझी गदेरे पर पुल न होने के कारण वर्ष 2016 की बरसात में दो दिन तक यहां दिल्ली के पर्यटक फंसे रहे। रेस्क्यू टीम की मदद से ही उन्हें यहां से निकाला जा सका। मांझी व डोडीताल के बीच भैरव मंदिर के पास भी रास्ता बेहद खराब स्थिति में हैं। यहां कभी भी बड़ी अनहोनी घट सकती है। 

डोडीताल पहुंचने वाले पर्यटक

वर्ष----------------देशी----------विदेशी 

2011-------------2423---------287 

2012------------2018-----------92

2013-----------1509------------88

2014-----------1529-----------70

2015-----------1955--------136

2016-----------2125--------145 

दलदल बना है बाधक 

प्रभागीय वनाधिकारी, उत्तरकाशी संदीप कुमार के मुताबिक अगस्त 2012 की बाढ़ में डोडीताल मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। संगमचट्टी के पास कई बार मार्ग दुरुस्त किया गया, लेकिन यहां दलदल के कारण मार्ग बरसात में धंस जाता है। अभी बजट नहीं है, आपदा से बजट मिलता है तो मार्ग को दुरुस्त किया जाएगा।

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