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उत्तरकाशी में बादल फटे, 13 परिवारों ने घर छोड़ा

उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इलाके में नदी-नालों के उफान से छह मकान ध्वस्त हो गए।

By gaurav kalaEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 01:16 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 05:00 AM (IST)
उत्तरकाशी में बादल फटे, 13 परिवारों ने घर छोड़ा

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है। उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इलाके में नदी-नालों के उफान से छह मकान ध्वस्त हो गए और असी गंगा क्षेत्र के एक गांव के 13 परिवारों ने घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। यमुना घाटी में बड़कोट के पास पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर गांव से बाजार जा रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई। राज्य में बारिश से 20 दिन में 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
दूसरी ओर भीमबली व जंगलचट्टी के बीच मलबा आने से केदारनाथ पैदल मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा। केदारनाथ के पड़ावों पर रोके गए 125 लोगों को एसडीआरएफ और पुलिस के जवानों की मदद से सोनप्रयाग लाया गया है। केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है।

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आधी रात के बाद उत्तरकाशी में दो स्थानों पर बादल फटने से दहशत फैल गई। पहली घटना गंगा घाटी की है। देर रात करीब दो बजे बादल फटने के बाद स्थानीय असी गंगा नदी और बरसाती नालों में जबरदस्त उफान आ गया। इससे सिलकुरा गांव में तीन मकान बह गए।

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हालांकि ग्रामीण नाले के बहाव की आवाज सुन पहले ही गांव से बाहर भाग गए। प्रशासन ने यहां रह रहे 13 परिवारों को दूसरी जगह भेज दिया है। पास के ही कफलों गांव में जाग कर रात बितायी। इसके साथ ही क्षेत्र को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क का 25 से 30 मीटर भाग भी बह गया है।
इससे करीब नौ ग्रामसभाओं का मुख्यालय से संपर्क कट गया है। यमुनोत्री क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही दृश्य था। क्षेत्र के पालीगाड नदी में आई बाढ़ से एक मकान बह गया। यहां रह रहे परिवार को आसपास के लोगों ने सुरक्षित बचा लिया। बरसाती नालों के उफान से संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गए और एक पुलिया भी बह गई। क्षेत्र में दो मकान क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना है।

प्रशासन ने प्रभावित इलाकों के लिए टीम रवाना कर दी है। इसके अलावा टिहरी जिले के घनसाली में भी छह परिवारों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया है।
गंगोत्री के पास फंसे 200 डाक कांवड़िये
चार धामों को जाने वाले मार्गों पर मलबा आने से यातायात अवरुद्ध हो रहा है। उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का 400 मीटर हिस्सा बह गया। फिलहाल इसे दुरुस्त होने में दो से तीन दिन का समय लगेगा। गंगोत्री के पास मलबा आने से गंगोत्री मार्ग भी बंद है।
इससे जल लेकर लौट रहे दो सौ डांक कांवड़िये फंस गए हैं। इसके अलावा छह स्थानों पर भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे भी बंद है। प्रशासन ने गुप्तकाशी से आगे भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। रुद्रप्रयाग के पास विजयनगर में हाईवे पर दरारें भी पड़ी हैं। हालांकि बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सुचारु है।
कुमाऊं में भी बारिश
सुबह से ही कुमाऊं के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों में भी बारिश से जनजीवन प्रभावित है। पिथौरागढ़ जिले में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग अभी भी नहीं खोला जा सका, जबकि मलबा आने से कई मोटर मार्गों पर यातायात बाधित रहा।

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