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माघ मेले में गंगा अवतरण व मांगल गीत ने बांधा समां

इन दिनों उत्‍तरकाशी में माघ मेले की धूम है। गढ़वाली भाषा में गंगा अवतरण लघु नाटक, मूक मोबाइल लघु नाटक तथा मांगल गीत ने समां बांधा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 05:32 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 07:00 AM (IST)
माघ मेले में गंगा अवतरण व मांगल गीत ने बांधा समां
माघ मेले में गंगा अवतरण व मांगल गीत ने बांधा समां

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: माघ मेले में सोमवार की शाम संवेदना समूह के नाम रही। गढ़वाली भाषा में गंगा अवतरण लघु नाटक, मूक मोबाइल लघु नाटक तथा मांगल गीत ने समां बांधा। आचार संहिता होने के कारण माघ मेले में दर्शक वीर भड़ जीतू बग्ड़वाल का आधा ही नाटक देख पाए।

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आजाद मैदान में सोमवार की शाम को संवेदना समूह के कलाकारों ने गढ़वाली में गंगा अवतरण लघु नाटक किया। जिसमें राजा भगीरथ की तपस्य, गंगा अवतरण, उत्तरकाशी का महत्व पर शानदार मंचन किया। जिसके बाद मोबाइल पर सिमटती जिंदगी को लेकर मूक मोबाइल नाटक प्रस्तुत किया।

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इसमें आज की भागदौड़ की जिंदगी में मोबाइल के कारण रिस्ते भी मोबाइल पर ही सिमट गए हैं। इसके साथ ही पहाड़ की शादियों में गाए जाने वाले मांगल गीत को प्रस्तुत किया।

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जिसमें जीजा-स्याली व अन्य बारातियों से मजाक के गीत प्रस्तुत किए गए। इसके साथ ही कलाकारों ने जीतू बग्ड़वाल नाटक प्रस्तुत किया। जीतू बग्ड़वाल नाटक एक जीवांत कहानी है। जो उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ व रैथल गांव से जुड़ी हुई है। लेकिन रात को समय अधिक होने से आचार संहिता के कारण आधा नाटक ही दर्शक देख पाए। ऐसे में दर्शकों को मायूस होकर लौटना पड़ा।

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