गोमुख से ही निकल रही है गंगा भागीरथी
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: गंगा के गोमुख के बजाय नंदनवन से निकलने की चर्चाओं को गंगोत्री मंदिर समिति ने सिरे से खारिज किया। समिति ने गोमुख समेत गंगोत्री ग्लेशियर के विभिन्न हिस्सों की वीडियो व फोटोग्राफी करा कर गंगोत्री नेशलन पार्क व जिला प्रशासन को भेजी। इन चर्चाओं के चलते गंगोत्री ग्लेशियर को लेकर काफी चर्चाएं चल रही थी।
गंगा भागीरथी का उद्गम और गंगोत्री ग्लेशियर का मुहाना अपनी जगह पर ही है। गर्मियों की तरह इस मौसम में भी ग्लेशियर के मुहाने से मामूली हिमस्खलन जारी है। हाल ही में गंगोत्री ग्लेशियर में दरार पड़ने और गंगा भागीरथी के नंदनवन से निकलने की चर्चाएं जोरों पर थी। गंगोत्री मंदिर समिति ने इन चर्चाओं को तथ्यहीन बताया। मंदिर समिति ने हाल ही में दो लोगों को गोमुख और नंदनवन तक भेजकर हालात का जायज लिया। मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने बताया कि गंगा भागीरथी की अविरल धारा आज भी गोमुख के मुहाने से ही निकल रही है। इसके नंदनवन से निकलने की बात अतार्किक हैं। नंदनवन के समीप काली गंगा की धारा ग्लेशियर के बीच में होकर भागीरथी में विलीन हो जाती है। गलत तथ्यों और जानकारियों से गंगोत्री धाम और गोमुख पहुंचने वाले यात्री और पर्यटक भ्रमित हो सकते हैं। दूसरी ओर, गंगा भागीरथी के गोमुख की बजाए नंदनवन से निकलने की चर्चाओं से यात्रियों व पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों में असमंजस बना है।
इस संबंध में गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक डॉ. आइपी सिंह का कहना है कि ग्लेशियर की प्रकृति ही टूटना व पिघलना है। गंगोत्री ग्लेशियर का मुहाना ही गोमुख है और यहीं से भागीरथी प्रवाहित हो रही है।
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