गंगोत्री में ही मैली हो रही गंगा
उत्तरकाशी, जागरण कार्यालय : अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ ही यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। बढ़ते जनदबाव से कचरा भी बढ़ने लगा है, लेकिन इससे निपटने के लिए न तो नगर पंचायत ने कदम उठाए और न ही पर्यटन विभाग ने नतीजतन लगातार उद्गम से ही गंगा मैली होती जा रही है।
गंगोत्री धाम के मुख्य गेट पर पहुंचते ही सड़ते कचरे की बदबू किसी को भी परेशान कर सकती है। दरअसल गेट के समीप ही वर्षो से एकत्र कचरा दबाया गया है। कचरा निस्तारण के इंतजाम न होने के कारण गंगोत्री धाम में ऐसा किया जाना आम बात है। धाम में सफाई और कचरा एकत्र करने के इंतजामों पर नजर डालें तो गंगोत्री नगर पंचायत और पर्यटन विभाग के जिम्मे यह काम है। नगर पंचायत के यहां चालीस कूड़ेदान और पंद्रह सफाईकर्मी तैनात हैं। जबकि पर्यटन विभाग के जैविक अजैविक कचरे के लिये पचास कूड़ेदान हैं। इनके निस्तारण के लिये पर्यटन विभाग की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत एक एनजीओ के जरिये ट्रक में भरकर कचरा ऋषिकेश स्थित रिसाइक्लिंग प्लांट में पहुंचाया जाता है। इसमें केवल पर्यटन विभाग के अजैविक कूड़ेदानों में ही एकत्र होने वाले कचरे को उठाया जाता है। शेष कचरा कूड़ेदानों से निकालकर बड़े थैलों में भर दिया जाता है। सिर्फ गंगोत्री धाम ही नहीं, बल्कि गोमुख रूट पर चलने वाले विभिन्न सफाई अभियानों के दौरान उठाया गया कचरा भी गंगोत्री धाम में ही एकत्र किया जाता है। इससे गंगोत्री धाम में कचरे के ढेर लगातार ऊंचे होते जाते हैं। समय बीतने के साथ ये कचरा गंगा भागीरथी की ओर उड़ेल दिया जाता है। इस ओर ना तो गंगोत्री नगर पंचायत का ध्यान जाता है और ना ही स्थानीय प्रशासन का।
डंपिंग जोन पर वन भूमि का रोड़ा
उत्तरकाशी : गंगोत्री धाम में डंपिंग जोन का प्रस्ताव वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया के चलते लंबित है। कचरा एकत्र करने के लिये निर्धारित स्थल न होने के करण मुख्य गेट, गोमुख रूट और मंदिर के निकट भैरोंझाप नाले में कचरे के ढेर लगते जा रहे हैं। नगर पंचायत की ओर से प्रस्तावित बस पार्किंग के निकट ही डंपिंग जोन के लिये स्थान चुना गया है।
'गंगोत्री धाम में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कचरा उठाकर रिसाइक्लिंग प्लांट में भेजा जाता है, हालांकि अब भी धाम में कचरा निस्तारण की बेहद जरूरत महसूस की जा रही है धाम में कचरा निस्तारण की मशीन लगाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं'-रामचंद्र भारद्वाज, उपनिदेशक पर्यटन विभाग, नोडल अधिकारी।
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