जरा सी लापरवाही से गंगोत्री में ही मैली हो रही है गंगा
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार होने के बावजूद इसका संचालन नहीं हो पाया है। इस लापरवाही के चलते गंगा गंगोत्री में ही मैली हो रही है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: जरा सी लापरवाही के चलते गंगा के मायके गंगोत्री में भागीरथी गंगा मैली हो रही है। यहां सीवर व होटलों के गंदे पानी को भागीरथी में गिरने से रोकने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तो तैयार कर दिया है, लेकिन संचालन शुरू नहीं हो सका है।
राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के तहत गंगोत्री में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की कवायद वर्ष 2010 में शुरू हुई थी। इसके लिए एक एमएलडी एसटीपी के लिए 10.48 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ था। नियम के अनुसार इस योजना को नवंबर 2014 में पूरा होना था, लेकिन तय सीमा के तीन साल बीतने के बाद अब जाकर इस योजना पर कार्य पूरा हो पाया है।
अभी तक निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) ने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन नहीं किया है। यहां तक कि अभी सीवर की लाइन से गंगोत्री के होटल, धर्मशालाओं तथा घरों को नहीं जोड़ा गया है। इस नए प्लांट की अभी तक टेस्टिंग भी नहीं हुई है। प्लांट का संचालन शुरू न होने से गंगोत्री के होटल, धर्मशालाओं व आश्रमों का सीवर गंगा में गिर रहा है। गंगोत्री में पुल के पास तो गंगा किनारे सीवर की बदबू फैली है। साथ होटल धर्मशालाओं की नाली का गंदा पानी भी गंगा में ही जा रहा है।
जल्द होगी टेस्टिंग
निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) के परियोजना प्रबंधक सुरेश पाल के मुताबिक गंगोत्री में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार हो गया है। होटल धर्मशालाओं के कनेक्शन सीवर लाइन से जोडऩे की जिम्मेदारी जल संस्थान को दी गई है। प्लांट की टेस्टिंग अभी नहीं हुई है। जल्द ही टेङ्क्षस्टग की जाएगी।
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