पॉलीथिन पर प्रतिबंध बेअसर, तंत्र बेखबर
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : जिला प्रशासन पॉलीथिन पर प्रतिबंध के चाहे लाख दावे करे पर इसकी हकीकत सब्जी
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : जिला प्रशासन पॉलीथिन पर प्रतिबंध के चाहे लाख दावे करे पर इसकी हकीकत सब्जी की ठेलियों पर देखी जा सकती है जहां खुलेआम ग्राहकों को पॉलीथिन में सामान दिया जा रहा है। जिला प्रशासन व नगर पालिका का मूकदर्शक बने रहना उनकी कार्यशैली पर तमाम सवाल खड़े कर रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशानुसार पॉलीथिन और प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के इस्तेमाल पर रोक है। आदेश पर अमल कराने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन को सौंपी गई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़े हुए है। जुलाई महीने में शुरू होने जा रही कांवड़यात्रा की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने 21 जून को जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में विभागीय अधिकारियों को पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। बैठक समाप्त होते ही जिम्मेदार अधिकारी जिलाधिकारी के निर्देशों को भूल गए।
इस संबंध में नगर पालिका बाड़ाहाट के अधिशासी अधिकारी सुशील कुमार कुरील का कहना है कि मुनादी और समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को पॉलीथिन प्रतिबंध की जानकारी कई बार दी गई है। उसके बावजूद भी यदि पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद नहीं हो रहा है तो पालिका कर्मचारी गुपचुप अभियान चलाकर ऐसे लोगों से पांच हजार रुपये का दंड वसूलेगी।