Move to Jagran APP

344 कुपोषित बच्चों को गोद लेंगे अधिकारी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए गए ताजा सर्वे में उत्तरकाशी जनपद में 344 ब

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 06:11 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 06:11 PM (IST)
344 कुपोषित बच्चों को गोद लेंगे अधिकारी
344 कुपोषित बच्चों को गोद लेंगे अधिकारी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए गए ताजा सर्वे में उत्तरकाशी जनपद में 344 बच्चे कुपोषित पाए गए। इन बच्चों में 33 बच्चे ऐसे हैं जो अति कुपोषित हैं। कुपोषण को दूर करने के लिए इन सभी बच्चों को जिला स्तर के अधिकारी गोद लेंगे। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि दो कुपोषित बच्चों को वे गोद लेंगे। जिले के अन्य अधिकारी भी कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिए जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर दिए हैं।

loksabha election banner

जनपद में कुपोषण की स्थिति काफी अधिक हैं। हाल में किए गए सर्वे में आई रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया हैं। कुपोषण को हटाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने मिशन कुपोषण उत्तरकाशी नाम दिया है। इसके तहत जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम, सभी बीडीओ, तहसीलदार, विकास भवन में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, ब्लॉकों में तैनात अधिकारियों को आदेश जारी किए। पांच अप्रैल से पहले सभी अधिकारी कुपोषित बच्चों के गोद लेने संबंधित रिपोर्ट दे देंगे। पांच अप्रैल 2017 से यह मिशन जिले में शुरू किया जाना है।

इस मिशन के तहत अधिकारी कुपोषित बच्चों के गांव में जाकर बच्चों को ऊर्जा फूड किट देंगे। साथ ही उनका वजन, दवाई व ऊर्जा फूड किट के उपयोग के बाद बच्चों में आने वाले सामान्य बदलाव की स्थिति को भी अपने रजिस्टर में दर्ज करेंगे। यह जांच हर माह होगी। बच्चों को किस तरह से कुपोषण से बाहर निकालना है इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। जिलाधिकारी श्रीवास्तव ने कहा कि कुपोषित बच्चों को गोद लेने वाला अधिकारी हर माह पोषण दिवस माह की पाचं तारीख को बच्चे के घर पर जाकर उसे ऊर्जा फूड एवं अभिभावकों को समुचित दिशा निर्देश देगा। अतिकुपोषित बच्चों को स्वच्छता किट भी प्रदान करेंगे। जिसमें नेलकटर, कंघा, टूथब्रश आदि होंगे। इसके लिए सभी कुपोषित बच्चों के अभिभावकों के नाम जिलाधिकारी कार्यालय से पत्र जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आपसी तालमेल से गर्भवती महिलाओं की भी जांच करेंगे। इससे गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार व विटामिन पहले ही दिया जा सके। जिससे बच्चे कुपोषित न हों। जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल में ही शत प्रतिशत प्रसव हो इसके लिए दूर दराज की गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पांच दिन पहले ही अस्पताल में पहुंचाया जाएगा। जिससे महिलाओं को अस्पताल में मातृत्व सुरक्षा योजना का लाभ महिला को प्राप्त होगा, शिशु का टीकाकरण समय पर प्रारम्भ होगा। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. (मेजर) बचन ¨सह रावत, कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास मोहित चौधरी सहित आदि शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.