Move to Jagran APP

शोवना के घुंघरू, माघ का आनंद

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: शिव की नगरी तब माघ के आनंद में सराबोर हो गई, जब प्रख्यात कथक नृत्यांगना

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 01:00 AM (IST)
शोवना के घुंघरू, माघ का आनंद
शोवना के घुंघरू, माघ का आनंद

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: शिव की नगरी तब माघ के आनंद में सराबोर हो गई, जब प्रख्यात कथक नृत्यांगना शोवना नारायण के घुंघरू लयबद्ध होकर झंकृत होने लगे। पौराणिक माघ मेले में मौजूद दर्शकों को उन्होंने अपने फन से भाव-विभोर ही नहीं किया, धरा को हरा-भरा रखने की नसीहत भी दी।

prime article banner

गुरुवार की शाम प्रख्यात नृत्यांगना पद्मश्री शोवना नारायण ने अपने नृत्य से यहां देवताओं की कहानियों को बांचा। सुनियोजित और विलक्षण नृत्य की प्रस्तुति पर उन्होंने जमकर तालियां बटोरीं। इस मौके पर पद्मश्री शोवना नारायण ने कहा कि वातावरण को स्वच्छ बनाए रखें तथा 15 फरवरी को मतदान अवश्य करें। उत्तरकाशी के पौराणिक माघ मेला 2017 का दैनिक जागरण मीडिया पार्टनर है।

माघ मेले में पद्मश्री शोवना नारायण ने द्रोपदी चीर हरण, सीता हरण, मुक्ति, गजल, ठुमरी आदि नृत्य प्रस्तुत किए। इस दौरान उन्होंने दर्शकों को नृत्य की बारीकियों के बारे में भी बताया। द्रोपदी चीर हरण पर केंद्रित कथक करने के बाद शोवना ने कहा कि आज द्रोपदी की जगह पृथ्वी का चीर हरण हो रहा है। हम सब लोग पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। इसके कारण ग्लोबल वार्मिंग की स्थिति पैदा हो गई है। कथक नृत्यांगना ने कहा कि अगर माघ मेले में उन्हें फिर कभी बुलाया जाएगा तो वह निमंत्रण अवश्य स्वीकार करेंगी। इस मौके पर केंद्र से आए चुनाव पर्यवेक्षक प्रशांत पाठराबे तथा जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने शोवना नारायण को सम्मानित किया। कथक टीम को भी सम्मानित किया गया।

-------------

एक नजर में शोवना नारायण

पद्मश्री शोवना नारायण प्रख्यात कथक नृत्यांगना हैं। भारत की महान सामाजिक और कलात्मक परंपराओं पर उन्होंने भाव अभिव्यक्ति तथा नृत्य आयामों को वृहद रूप से समाहित करते हुए विशिष्ट शैली की रचना की है। उन्हें वर्ष 1992 में पद्मश्री तथा 1999 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। पंडित बिरजू महाराज से उन्होंने इस फन में महारत हासिल की है। वह ऐसी पहली व्यावसायिक नृत्यांगना हैं, जिन्होंने नृत्य के साथ-साथ भारत सरकार में एक वरिष्ठ सिविल सेवक के बतौर अपना कॅरियर संवारा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.