एसटीपी की अनिवार्यता पर भड़के व्यापारी
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एसटीपी लगाने की अनिवार्यता पर होटल व्यवस
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एसटीपी लगाने की अनिवार्यता पर होटल व्यवसायियों में आक्रोश है। होटल एसोसिएशन उत्तरकाशी के पदाधिकारियों ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन प्रेषित कर एसटीपी की अनिवार्यता खत्म करने तथा होटल व्यवसायियों की विभिन्न समस्याओं के निस्तारण की मांग उठाई है।
होटल व्यवसायियों का कहना कि एसटीपी लगाना चारधाम की भौगोलिक परिस्थिति एवं यात्राकाल की अवधि को देखते हुए न्यायसंगत नहीं है। यहां के व्यवसायी अभी आपदा से उभर नहीं पाए हैं कि प्रदूषण बोर्ड की ओर से एसटीपी के नाम पर बिना व्यापारिक प्रतिष्ठानों के निरीक्षण किए होटलों को सीज किया जा रहा है, जबकि होटल व्यवसायियों के अपने व्यक्तिगत निर्मित सेफ्टिक टैंक सोक पिट्स बने हुए हैं। इससे किसी भी रूप में गंगा को प्रदूषित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि हिमाचल प्रदेश की तरह एसटीपी की बाध्यता कम से कम सौ कमरों से ऊपर वाले होटलों पर ही लागू हो तथा एसटीपी का निर्माण नगरपालिका, नगर पंचायत व जिला पंचायत की ओर से कराया जाए।
होटल व्यवसायियों ने सीएम की घोषणा के बावजूद बिजली व पानी का बिल माफ नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी जतायी। कहा कि सीएम ने व्यवसायियों का ब्याज माफ करने व मनोरंजन कर को समाप्त करने का आश्वासन दिया था। लेकिन वर्तमान में मनोरंजन कर बढ़ा दिया गया है। होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक माह के भीतर इन बिंदुओं पर सकारात्मक कदम न उठाने पर अपने प्रतिष्ठानों में ताला लगाकर सरकार के हवाले करने की चेतावनी दी। ज्ञापन देने वालों में एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी, शैलेंद्र मटूड़ा, दीपेंद्र पंवार, विजय चौहान आदि थे। वहीं जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि होटल व्यवसायियों की मांग पर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है कि होटल व्यवसायियों के होटलों को नगर में बन रही सीवर लाइन से जोड़ा जाए, ताकि एसटीपी लगाने के अतिरिक्त खर्च से होटल व्यवसायी बच सकें।