स्मार्ट मिनी शहर को जमीन देने से इंकार
संवाद सूत्र, चिन्यालीसौड़ : स्मार्ट मिनी शहर योजना में उत्तराखंड के आठ शहरों में शामिल चिन्यालीसौड़ मे
संवाद सूत्र, चिन्यालीसौड़ : स्मार्ट मिनी शहर योजना में उत्तराखंड के आठ शहरों में शामिल चिन्यालीसौड़ में भूमि का पेच फंस गया है। जिस भूमि को राजस्व विभाग ने चयनित किया था, ग्रामीणों ने उस भूमि को देने से इन्कार कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि चिन्यालीसौड़ में हवाई पट्टी, जल विद्युत परियोजना के लिए उन्होंने भूमि दी लेकिन, स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महानगरों को स्मार्ट सिटी की योजना की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश के 8 नगरों को स्मार्ट मिनी शहर बनाने की योजना शुरू की। इस योजना में चिन्यालीसौड़ को भी शामिल किया गया। इसके तहत प्रदेश सरकार ने भूस्वामियों से भूमि संयोजन के तहत भूमि उपलब्ध कराने के लिए बातचीत शुरू की। हवाई पट्टी के निकट प्रशासन ने 200 एकड़ भूमि का चयन भी किया था। नगर विकास सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने भी तहसीलदार के साथ बैठक कर चिन्यालीसौड़ के वा¨शदों को स्मार्ट मिनी शहर बनाने की योजना के बारे में जानकारी दी गई थी। अब ग्रामीणों ने भूमि देने से इन्कार कर दिया है। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोत ¨सह बिष्ट ने कहा कि चिन्यालीसौड़ के ग्रामीणों ने इंटर कालेजों, टिहरी बांध, मनेरी भाली द्वितीय, हवाई अड्डे, कृषि विज्ञान केन्द्र सहित अन्य विभागों के लिए भूमि दी है। ऐसे में किसानों की 80 फीसद जमीन सरकारी प्रायोजन में अधिकृत हो चुकी है, लेकिन गांव के बेरोजगारों को इसका कोई लाभ नहीं मिला है।
ग्रामीणों ने सरकार की नगर क्षेत्र को स्मार्ट मिनी शहर बनाने की योजना का विरोध करने के लिए किसान संघर्ष समिति का गठन किया। समिति में बीरेन्द्र नेगी को उपाध्यक्ष, शैलेंद्र मणी को सचिव, शिवदयाल बिष्ट को कोषाध्यक्ष चुना गया जो स्मार्ट मिनी शहर बनाने की योजना का विरोध करेंगे।
इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक एवं शहरी विकास मंत्री प्रीतम ¨सह पंवार ने कहा कि स्मार्ट मिनी शहर बनाने की सरकार की योजना एक स्थान पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की है। यदि लोग अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं, तो जबरदस्ती नहीं है, जहां लोग स्वेच्छा से भूमि देंगे वहीं पर स्मार्ट मिनी शहर विकास किया जाएगा।