वरुणावत की तलहटी पर अंधाधुंध निर्माण जारी
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : विश्वनाथ की नगरी में 13 साल पहले वरुणावत का कहर बरपा था, लेकिन लोग इससे
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : विश्वनाथ की नगरी में 13 साल पहले वरुणावत का कहर बरपा था, लेकिन लोग इससे भी सबक नहीं ले पाए प्रशासन की ओर से बफर जोन घोषित होने के बाद भी यहां अंधाधुंध निर्माण चल रहा है। अवैध निर्माण को न तो प्रशासन रोक पा रहा है और न नगर पालिका।
उत्तरकाशी शहर में सितंबर 2003 वरुणावत से भूस्खलन शुरू हुआ। वरुणावत के कहर के कारण उत्तरकाशी में कई होटल, दुकानें व स्थानीय लोगों के घर ध्वस्त हुए। वरुणावत के ट्रीटमेंट करने, प्रभावितों को मुआवजा देने, शहर की सुरक्षा के लिए 282 करोड़ रुपये तत्कालीन केंद्र सरकार ने जारी किए। ट्रीटमेंट के दौरान वरुणावत की तलहटी को प्रशासन ने बफर जोन घोषित किया। वर्ष 2009 तक इस बफर जोन में निर्माण नहीं हुए, लेकिन 2009 के बाद से नगर पालिका व राजस्व की भूमि पर बेतुका निर्माण चल रहा है। पिछले सात सालों में इस बफर जोन में 100 से अधिक अवैध निर्माण हो चुके हैं। इन दिनों में मुख्य बाजार के पास बस अड्डे के ऊपर तथा जियोग्रिड वॉल के पीछे रात व दिन के समय अवैध निर्माण जारी है। इस अवैध निर्माण को रोकने लिए न तो नगर पालिका कोई कार्रवाई कर रही है और न प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है। राजनीतिक स्वार्थों के कारण स्थानीय नेता भी इस अवैध निर्माण को नहीं रोक पा रहे हैं।
वरुणावत की तलहटी में बस अड्डे व जियोग्रिड वॉल के पीछे अवैध निर्माण की सूचना मिली है। साथ ही एक दिन पहले दो टीन सेट भी बने हैं। इन अवैध निर्माण को चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही प्रशासन व पुलिस के सहयोग से इस अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा। बफर जोन में कोई भी नया अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा।
-सुशील कुमार कुरील, ईओ, नगर पालिका उत्तरकाशी