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भेड़-बकरियों की टोली ने की मंदिर की परिक्रमा

संवाद सूत्र, बड़कोट : भेड़-बकरियों के अनोखे मेले अठोड़ का आगाज पाली गांव में इस बार पर्यटन विकास मेले

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 12:59 AM (IST)
भेड़-बकरियों की टोली ने की मंदिर की परिक्रमा

संवाद सूत्र, बड़कोट : भेड़-बकरियों के अनोखे मेले अठोड़ का आगाज पाली गांव में इस बार पर्यटन विकास मेले के रूप में हुआ। मेले में क्षेत्र के आराध्य देव जाख-सामेश्वर देवता के मंदिर परिसर पर भेड़-बकरियों की टोली ने परिक्रमा की। मेले में बड़ी संख्या में ग्रामीणों व पर्यटकों की भीड़ उमड़ी।

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मेले के दौरान लोक गायक सुंदर प्रेमी के गीतों की भी धूम रही। प्रेमी ने गढ़वाली, जौनपुरी व रवांई के लोक गीत प्रस्तुत किए। इस दौरान मेले में पहुंचे ग्रामीणों व पर्यटकों ने मेले का आनंद लिया। वर्षो से मनाए जाने वाला यमुना घाटी का अठोड़ मेला पारंपरिक रूप से पाली गांव में मनाया जाता है। गांव के धाम ¨सह राणा का कहना है कि गांव के मेले को पर्यटन से जोड़ने काम किया है। इस लिए मेले को पर्यटन मेले का रूप दिया गया है। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक केदार ¨सह रावत ने कहा कि मेले का स्वरूप वृहद किया जाना चाहिए। स्थानीय के अलावा देश-विदेश के लोगों भी मेले में आमंत्रित किया जाना चाहिए। मेले का आकर्षण भेड़ों का तांदी के रूप में झूमना अनूठा है। मान्यता है कि देवताओं के वश में होकर भेड़ पूरे गांव को चक्कर लगाते हैं। जिसे देखते ही समा बंध जाता है। मेले में स्थानीय आराध्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।


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