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किशोर ने हरदा को फिर घेरा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के 250

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 12:59 AM (IST)
किशोर ने हरदा को फिर घेरा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के 250 कार्यकर्ताओं को सरकार में शामिल करने के लिए सीएम हरीश रावत से बात की थी। इनमें 132 की सूची सीएम ने स्वीकार कर ली है, जबकि शेष को जगह नहीं मिली है। इसलिए वह 118 उन लोगों की सूची फिर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे जिन्हें सम्मान नहीं मिला है।

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उत्तरकाशी के जीएनवीएन गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत किशोर उपाध्याय ने कहा कि वह संगठन को मजबूत करने के लिए वे सतत कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए लगातार गांव, बाजार, शहर, पट्टी व बूथ स्तर पर सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। हर विधानसभा में 10 से 15 कार्यकर्ता ऐसे होते हैं जो वर्षों से संगठन के लिए काम कर रहे हैं। ये कार्यकर्ता संगठन में संत बनने के लिए तो आए नहीं। कार्यकर्ताओं की भी अपनी कुछ अपेक्षाएं होती है। एक विधानसभा के हर कार्यकर्ताओं को तो विधायक नहीं बनाया जा सकता इस लिए दूसरे रूप में इन कार्यकर्ताओं को सरकार में शामिल किया जा सकता है। प्रदेश के 250 कार्यकर्ताओं को सरकार में शामिल करने के लिए उन्होंने सीएम हरीश रावत से बात की थी।

उन्होंने पहले 132 कार्यकर्ताओं की सूची मुख्यमंत्री को दी थी। अब दूसरी सूची में करीब 118 कार्यकर्ताओं के नाम वे जल्द ही सीएम हरीश रावत को देंगे। जिससे कार्यकर्ताओं के अनुभव का लाभ सरकार को मिले तथा कार्यकर्ताओं को भी एक सम्मान मिल सके। आचार संहिता लगने के मामले में किशोर उपाध्याय ने कहा कि चुनाव आयोग कभी भी आचार संहिता लगा सकता है। कांग्रेस संगठन चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस मौके पर गंगोत्री विधायक विजयपाल ¨सह सजवाण, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नत्थी लाल शाह, घन्नानंद नौटियाल, सविता भट्ट, भूपेश कुडियाल आदि मौजूद थे।

नीति आयोग को निरस्त करें

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार ने योजना आयोग को खत्म कर नीति आयोग बनाया। इस नीति आयोग को कोई समझ नहीं पा रहा है। यह केवल एक हाथी की तरह है। नीति आयोग की बैठक में प्रदेश का कोई अधिकारी नहीं भेजा गया। इस पर वे प्रदेश सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं। केन्द्र सरकार को इस नीति आयोग को निरस्त करना चाहिए।


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