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आपदा गई पर आफत बरकरार

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : वर्ष 2013 में आई आपदा पीड़ितों के घाव पर सरकार तीन साल बाद भी मरहम नहीं लगा

By Edited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 01:00 AM (IST)
आपदा गई पर आफत बरकरार

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : वर्ष 2013 में आई आपदा पीड़ितों के घाव पर सरकार तीन साल बाद भी मरहम नहीं लगा पायी है। आपदा के दौरान खरादी गांव के लोगों को गांव तक पहुंचाने के लिए यमुना नदी पर बने पुल आज तक नहीं बन पाया है। इस वजह ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।

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आपदा से पहले धारमंडल क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के लोग व स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा तहसील मुख्यालय बड़कोट आने-जाने के लिए भी ग्रामीण इसी मार्ग से आवागमन करते हैं, लेकिन यहां पर यमुना नदी पर बने पैदल पुल का निर्माण न होने से ग्रामीणों जान की प्रवाह किए बगैर यमुना नदी का पार करने का मजबूर हैं। हालांकि पुल के बहने के बाद उसी दौरान वन विभाग ने पुल निर्माण कि लिए शासन को प्रस्ताव भेजा। आज आपदा के तीन साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है। वन विभाग को भी अभी तक इस पुल निर्माण के लिए बजट नहीं मिल पाया है। इस कारण पुल का निर्माण न होने से खरादी के उस पार के क्षेत्र के थान, गौल, फुलधार, स्यालब, सुकण आदि गांव के ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर यमुना नदी को पार करना पड़ रहा है। साथ ही खरादी इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी अपनी जान को खतरे में डालकर खरादी पहुंचना पड़ रहा है। नगाणगांव निवासी भाजपा युवामोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनवीर चौहान का कहा है कि ग्रामीण ने खरादी पुल निर्माण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया था, लेकिन इसके बाद भी पुल निर्माण को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।

वर्ष 2013 की आपदा में खरादी पैदल पुल बह गया था तथा उसी दौरान इस पुल के पुनर्निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन पुल निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत नही हुई। धनराशि स्वीकृति होने के बाद ही पुल निर्माण किया जाना संभव है।

डीके ¨सह, डीएफओ अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट


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