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रवांई क्षेत्र में रोआनू छोड़ गया आपदा के जख्म

संवाद सूत्र, पुरोला : रवांई क्षेत्र में आए जबरदस्त तूफान रोआनू के एक सप्ताह बाद भी मोरी व दूर-दराज

By Edited By: Published: Sat, 28 May 2016 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 04:45 PM (IST)
रवांई क्षेत्र में रोआनू छोड़ गया आपदा के जख्म

संवाद सूत्र, पुरोला : रवांई क्षेत्र में आए जबरदस्त तूफान रोआनू के एक सप्ताह बाद भी मोरी व दूर-दराज के ग्रामीणों का जीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है। एक ओर मकानों, छानियों और छतों की मरम्मत कार्य नहीं हो पाया। उधर सेब बगीचों में उखड़े पेड़ तूफान में आए विनाश की कहानी बता रहे हैं।

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मोरी तहसील मुख्यालय से 32 किमी दूर सेवा व बरी गांव में एक सप्ताह पहले रोआनू तूफान से 21 घरों की छतें उड़ गई थी। ग्रामीण सूरत लाल ने बताया कि घरों की छत अभी तक नहीं बन पाई है। अभी इनकी मरम्मत में दो सप्ताह का समय और लग सकता है। यही हाल बंगाण पट्टी के भुटाणु गांव का भी है, जहां जंगल की आग के साथ ही तूफान ने भी काश्तकारों को भी खूब रुलाया। यहां तूफान से सेब के सैकड़ों पेड़ उखड़ गए थे। कई स्कूलों की छतें उड़ गई, जबकि तूफान से नौगांव, पुरोला व मोरी में 200 से अधिक चीड़ के वृक्ष ढह गए थे। वहीं क्षेत्र में चुलू, नाशपाती और अखरोट के भी दर्जनों पेड़ उखड़ गए। 77 वर्षीय देवढुंग निवासी गिरवीर ¨सह नेगी ने बताया कि तूफान ने ग्रामीणों की जीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। वहीं बरी गांव के सुर्तीलाल ने बताया कि तूफान आकर चला गया, मगर ऐसा लग रहा है जैसे ग्रामीणों का जीवन थम सा गया हो। हर जगह तूफान के विनाशकारी निशान रह गए हैं।


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