ग्लेशियरों को बचाने के लिए बंद हो मानव आवाजाही
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय एवं हिमनद बचाओ अभियान दल की प्रमुख शांति ठाकुर
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय एवं हिमनद बचाओ अभियान दल की प्रमुख शांति ठाकुर ने कहा कि गंगोत्री ग्लेशियर के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौमुख, तपोवन, चौखंबा, सुरंदर वन आदि ग्लेशियारों में मानव की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज विकास की होड़ में प्रकृति के साथ अत्यधिक छेड़छाड़ से ग्लेशियरों को नुकसान पहुंच रहा है।
शुक्रवार को ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र में मानव आवाजाही से लगातार ग्लेशियर घट रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार जहां वर्ष 1985 में गंगोत्री ग्लेशियर की लंबाई 32 किलोमीटर तथा चौड़ाई चार किलोमीटर थी। वहीं 2002 में वैज्ञानिकों के शोधानुसार गंगोत्री ग्लेशियर की लंबाई 28 किमी तथा चौड़ाई 2.50 किमी रह गई। उस समय ग्लेशियर के घटने की रफ्तार प्रतिवर्ष 30 से 40 मीटर थी जबकि आज यह रफ्तार 70 से 80 मीटर प्रतिवर्ष से भी अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि ग्लेशियरों के कम होने तथा प्रकृति के अंधाधुंध दोहन से प्राकृतिक आपदा की संभावना निरंतर बनी रहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि गंगा का स्वच्छ बनाने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन धरातल पर गंगा स्वछता कहीं दिखाई नहीं दे रही है। हर दिन विभिन्न शहरों एवं कस्बों से गंगा में नालों के द्वारा गंदगी लगातार जा रही है। उन्होंने गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की।