काटे गए 150 की जगह लगाएं डेढ़ हजार पौध
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : चिलोट गांव में अंधविश्वास के नाम काटे गए फलदार और चारापत्ती के पेड़ों के
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : चिलोट गांव में अंधविश्वास के नाम काटे गए फलदार और चारापत्ती के पेड़ों के मामले उद्यान से जुड़े काश्तकारों व उद्यान अधिकारियों ने गंभीर मामला बताया। उद्यान अधिकारियों व उद्यानपतियों ने कहा कि अगर ग्रामीण इस सामाजिक अपराध कलंक मिटाना चाहते है तो उन्हें 150 पेड़ों के स्थान पर डेढ़ हजार फलदार पौधों का रोपण करें। इससे गांव में हरियाली भी लौटेगी और खुशहाली भी लौटेगी।
जिला उद्यान अधिकारी नरेन्द्र यादव ने कहा कि चिलोट गांव में अंधविश्वास के नाम पर ग्रामीणों ने कानूनी अपराध तो किया ही है साथ ही सामाजिक अपराध भी किया है। ग्रामीणों को सामूहिक रूप से उस भूमि पर बागिचा तैयार करना चाहिए। जहां उन्होंने पेड़ काटे हैं। इसके लिए उद्यान विभाग नींबू प्रजाति, अखरोट, अनार, अमरूद, नाशपाति के उन्नत किस्म के पेड़ निशुल्क रूप से देने के लिए तैयार है। इसके लिए वे खुद भी चिलोट गांव में जाएंगे और ग्रामीणों को प्रेरित करेंगे। मोरी के कोट गांव के गुलाब ¨सह रावत कहते हैं कि उनके खेतों में 700 सेब के पेड़ है। जिनसे ही उनकी परिवार की आर्थिकी चलती है। जो पेड़ पुराना होता है या सूखने लगता है उसे काटने के लिए भी वे दस बार सोचते हैं, उसकी जगह पर दूसरा नया पेड़ लगाते हैं, लेकिन चिन्यालीसौड़ के चिलोटगांव में अंधविश्वास के नाम पर काटे गए पेड़ों के स्थान पर ग्रामीणों शीघ्र ही पेड़ लगाने चाहिए। पर्यावरण के नाम पर काम करने वाले संगठनों को चिलोट गांव में जाने की जरूरत है।