चार माह के लिए दो माह का राशन
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सीमांत जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ पड़नी शुरू हो गई है। जिले के क
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सीमांत जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ पड़नी शुरू हो गई है। जिले के करीब 40 गांव ऐसे हैं जहां शीतकाल में चार माह तक बर्फबारी के कारण आवागमन भी बंद हो जाता है, लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग ने अभी तक शीतकाल के लिए इन सीमांत गांवों में पूरा खाद्यान्न नहीं भेजा है। खाद्य आपूर्ति विभाग का दावा है कि सीमांत क्षेत्रों में जो डीलर हैं उनके पास चार माह के खाद्यान्न रखने की व्यवस्था नहीं है।
शीतकाल में जिले के 40 गांव की करीब 12 हजार की आबादी बर्फबारी के चलते अलग थलक पड़ जाती है। बर्फबारी से इन गांव का चार माह तक आवागमन बाधित हो जाता है। इस कारण ग्रामीण चार महीने तक के लिए आवश्यक सामग्री जुटाने में लगे हैं। जिले के इन दूरस्थ गांव में शीतकाल के लिए खाद्यान्न, मिट्टी तेल आदि चार माह तक के लिए पहुंचा दिया जाता है, लेकिन अभी तक केवल जनवरी तक का ही खाद्यान्न पहुंचाया गया है, जबकि बर्फबारी का मौसम शुरू हो गया है तथा ये गांव मार्च तक बर्फ से ढ़के रहते हैं। खाद्यान्न में गेहूं चावल, चीनी आदि भेजा जाता है।
बर्फबारी से यहां होती है परेशानी
भटवाड़ी ब्लॉक - सुक्की, झाला, हर्षित, मुखबा, पुराली, छोलमी, भंकोली, गजोली, ढ़ासड़, अगोड़ा ।
नौगांव ब्लॉक - खरसाली, बीफ, कुठार, दूर्बिल, निसणी, कुपड़ा, कुंसाला।
पुरोला ब्लॉक- ¨डगाड़ी, लेवटाड़ी, कासंलौं, पौंटी, गौल, छानिका, किमडार, सरगांव ।
मोरी ब्लॉक - ढ़ाटमीर, लिवाड़ी, फिताड़ी, पांव, सांकरी, दोणी, भतरी, मसरी, ¨चवा।
जिले के दूरस्थ गांव में बर्फबारी को देखते हुए जनवरी तक का खाद्यान्न भेज दिया गया है। आसमान साफ रहा तो दिसंबर माह में दो माह का और खाद्यान्न भिजवा दिया जाएगा। मिट्टी का तेल इन गांव में छह माह तक के लिए भेज दिया गया।
-केएस कोहली, जिला पूर्ति अधिकारी उत्तरकाशी