एक गांव ऐसा जहां संतान प्राप्ति को करते हैं रामलीला में राजा जनक का अभिनय
उत्तरकाशी जनपद में एक गांव ऐसा हैं, जहां लोग संतान प्राप्ति को रामलीला में राजा जनक का अभिनय करते हैं। आपको पढ़कर थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन यह सच है। यह सिलसिला कई सालों से चला आ रहा है। जानने के लिए पढ़ें खबर।
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद में एक गांव ऐसा हैं, जहां लोग संतान प्राप्ति को रामलीला में राजा जनक का अभिनय करते हैं। आपको पढ़कर थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन यह सच है। यह सिलसिला कई सालों से चला आ रहा है। जानने के लिए पढ़ें खबर।
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर संग्राली गांव है। गांव में रामलीला का मंचन 1967 से शुरू हुआ था। तब से लेकर अभी तक रामलीला में वही राजा जनक का अभिनय करता है, जो निसंतान होता है। गांव में मिथक जुड़ा है कि जितने भी निसंतान व्यक्तियों ने राजा जनक का अभिनय किया है, उन्हें संतान प्राप्ति हुई है।
गांव के रामकृष्ण भट्ट, प्रद्युम्न नौटियाल, सूरज मणी नैथानी आदि का कहना है कि राजा जनक का अभिनय करने वाले व्यक्ति को संतान की जरूरत होती है। जनक का अभिनय करने के बाद व्यक्ति को संतान प्राप्ति हुई है। रामलीला समिति के अध्यक्ष दामोदर सेमवाल ने बताया कि सीता विवाह के दिन राजा जनक का पात्र निभाने वाले व्यक्ति के घर पर पूरे गांव के लोगों भोज का निमंत्रण होता है।
राजा जनक का पात्र लोगों को बराती मानकर स्वागत करता है। इस बार गांव का शंभू प्रसाद नौटियाल राजा जनक का अभिनय कर रहा है। शंभू प्रसाद नौटियाल ने बताया कि रामलीला कमेटी को उन्होंने पहले ही अवगत करा दिया था कि वे इस बार की रामलीला में राजा जनक का अभिनय करेंगे।
बीते वर्ष सेना में तैनात संतोष सेमवाल छूट्टी लेकर रामलीला में राजा जनक का अभिनय करने पहुंचे थे। इस वर्ष उन्हें संतान की प्राप्ति हुई है।
पढ़ें:-केदारनाथ व यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद