गंगू गरजा तो दांतों तले दबाई अंगुली
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : प्रसिद्ध नाट्य मंच संवेदना समूह ने सेम मुखेम मुखेम पर आधारित गंगू रमोला
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : प्रसिद्ध नाट्य मंच संवेदना समूह ने सेम मुखेम मुखेम पर आधारित गंगू रमोला नाटक का पहला मंचन पर गंगू रमोला पर आधारित नाटक के मंचन पर सभी दर्शकों को दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया। नाटक में नागराज भगवान श्री कृष्ण के अवतरित होते ही जब गंगू का घमंड चूर हुआ तो दर्शक भावविभोर हो गए।
उत्तरकाशी व टिहरी गढ़वाल के मध्य सेम नागराजा का भव्य मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां भगवान श्रीकृष्ण के रूप में पूजे जाने वाले नागराजा की कथाएं भी वीर भड़ गंगू रमोला से जुड़ी हैं। इसी पौराणिक कथा को संवेदना समूह ने नाटक का रूप दिया है। नाटक का पहला मंचन गुरुवार शाम सेम मुखेम में किया गया। नाटक के मंचन में बताया गया कि किस तरह से सेम मुखेम में नागराजा देवता स्थान लिया। गंगू रमोला कौन था। किस तरह से गंगू रमोला का घमंड चूर हुआ। मंचन में यह भी बताया गया कि सेम नागराजा की तीन साल में होने वाली जातरा को पहली बार गंगू रमोला ने शुरू की थी। तब से यह परंपरा चली आ रही है। गंगा व यमुना घाटी के श्रद्धालुओं ने नाटक की जमकर सराहना की। संवेदना समूह के अध्यक्ष जयप्रकाश राणा ने बताया गंगू रमोला नाटक को तैयार करने के लिए अलग-अलग कथाओं को सुना व समझा गया। क्षेत्र को बाजगियों से लेकर कुमांऊ के लेखकों से भी जानकारी जुटाई गई।
दर्शन कर लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
सेम मुखेम मेले से लौटने वाले श्रद्धालुओं की उत्तरकाशी में भारी भीड़ उमड़ी। अधिकांश श्रद्धालु यमुना व टौंस घाटी के थे। इन श्रद्धालुओं के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा व पुरोला विद्यायक मालचंद ने राड़ी घाटी टॉप पर भंडारे का आयोजन किया था। इसका शुक्रवार शाम को समापन हो गया। शुक्रवार सुबह से ही श्रद्धालुओं से भरे हुए कई वाहन सेम मुखेम के दर्शन कर वापिस लौटने शुरू हो गए थे। उत्तरकाशी लंबगांव मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रही। इन्हीं श्रद्धालुओं के कारण उत्तरकाशी शहर में भी काफी भीड़भाड़ रही। वहीं राड़ी टॉप में जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने सेम मुखेम से वापिस लौट रहे श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन कराया।