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जड़भरत मंदिर को है जीर्णोद्धार की दरकार

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : शहर में प्राचीन जड़भरत मंदिर की मरम्मत न हो पाने से जीर्णशीर्ण हो गया है

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 06:12 PM (IST)
जड़भरत मंदिर को है जीर्णोद्धार की दरकार

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : शहर में प्राचीन जड़भरत मंदिर की मरम्मत न हो पाने से जीर्णशीर्ण हो गया है।

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भोले की नगरी उत्तरकाशी के जड़भरत कालोनी में स्थित जड़भरत मंदिर में हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं। साथ ही गुरुवार को स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दूर से भी श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं, लेकिन वर्षों पुराना यह मंदिर जीर्णोद्धार की वाट जोह रहा है। जीणोमंदिर न होने से मंदिर खंडहर हो गया है। मंदिर की पीछे की ओर से दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। यह समय रहते मंदिर का जीर्णोद्धार नही हुआ तो मंदिर कभी भी धराशाही हो सकता है। स्थानीय श्रद्धालु लंबे समय से प्रशासन से मंदिर के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार की मांग कर रहे हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर वर्षों पहले जड़ भरत ऋषि ने तपस्या की थी। इसके बाद यहां मंदिर कस निर्माण कराया, लेकिन आज वर्षों पुराने इस मंदिर को जीर्णोद्धार की दरकार है। समय-समय पर स्थानीय भक्त एवं मंदिर जीर्णोद्धार समिति मंदिर में रंग-रोगन तो करते रहते हैं, लेकिन, मंदिर का जीर्णोद्धार आज तक भी नहीं हो सका है। जीर्णोद्धार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय प्रकाश बडोला का कहना है कि शहर में कई प्राचीन मंदिर संरक्षण के अभाव में उपेक्षित पड़े हैं। जिनका जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है।


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