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मोरी पुलिस की अग्निपरीक्षा तस्करी रोकना

राधाकृष्ण उनियाल, पुरोला जिला मुख्यालय से 170 किमी दूर मोरी का क्षेत्र दो दिन पहले रेगुलर पुलिस क

By Edited By: Published: Fri, 04 Sep 2015 01:07 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2015 01:07 AM (IST)
मोरी पुलिस की अग्निपरीक्षा तस्करी रोकना

राधाकृष्ण उनियाल, पुरोला

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जिला मुख्यालय से 170 किमी दूर मोरी का क्षेत्र दो दिन पहले रेगुलर पुलिस के पास आ गया है। अब इससे उम्मीद है कि गो¨वद वन्य पशु विहार व चांगसील क्षेत्र में दशकों से होती आ रही जड़ी-बूटी की तस्करी पर रोक लग सकेगी।

उत्तराखंड बनने के बाद 15 वर्षों में जिस कदर मोरी क्षेत्र के गो¨वद वन्य पशु विहार क्षेत्र वे चांगसील, डोडा-क्वार, मोडा, बालचा, केदारकांठा से प्रतिबंधित जड़ी-बूटी तस्करी को लेकर तस्कर बेहद ही सक्रिय रहे हैं। वहीं दूर-दराज क्षेत्र में वर्षो से जारी बेखौफ अफीम खेती व बीते 3 वर्ष से मोरी-नैटवाड़ बाजार के आसपास क्षेत्र में ड्रग्स का धंधा जोरों पर है। राजस्व पुलिस इन सभी तस्करी पर रोक लगाने में नाकाम रही है। इसी कारण क्षेत्र के कुछ लोगों ने मोरी में थाना खोलने की मांग की थी। अब थाना खुलने से लोगों को उम्मीद है कि इस तस्करी पर रोक लग सकेगी।

दस वर्ष में पकड़ी गई अवैध जड़ी बूटी

1-कूट, मीठा, अतीश की तीन बोरी -नौगांव-वर्ष- 2002 पुरोला पुलिस द्वारा।

2-अतीश, कोड़ाई, सालम पंजा की आठ बोरी-2004 पुरोला पुलिस ने पकड़ी।

3-सालम पंजा, कूट, अतीश की पांच बोरी- -2005 में राजस्व पुलिस ने मोरी में पकड़ी

4-मीठा, अतीश, पंजा की दो बोरी-2003 में गो¨वद वन्य पशु विहार की टीम ने नैटवाड़ में पकड़ी।

5-मीठा, अतीश, कोड़ाई की तीन बोरी- 2005 में पुरोला पुलिस ने डामटा में पकड़ी।

6-पंजा, कूट, अतीश की दो बोरी- 2004 में पुरोला पुलिस ने जरड़ा खडड में पकड़ी।

7-मीठा, अतीश, पंजा की तीन बोरी- 2007 में गो¨वद वन्य पशु विहार की टीम ने नैटवाड़ में पकड़ी।

8-पजां, अतीश, मीठा की पांच बोरी -2011 में पुरोला पुलिस बर्निगाड़ में पकड़ी

9- कूट, अतीश आदि जड़ी 436 बोरी 2012 में एसडीएम ने पकड़ी।

10-शंख जड़ी तीन किलो 2013 में पुरोला पुलिस ने पकड़ी।

स्थानीय लोगों से सहयोग मांगा है। तस्करों की सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद पुलिस पूरे क्षेत्र में रैकी करेगी। अभी मोरी क्षेत्र में मीठा, अतीश, पंजा, चरस, अफीम व ड्रग्स तस्करी की शिकायतें हैं, जो भी व्यक्ति सूचना देगा उसका नाम पुलिस गोपनीय रखेगी।

-जेआर जोशी, एसपी, उत्तरकाशी


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