बदहाल नहरें, किसान परेशान
संवाद सूत्र, चकराता: क्षेत्र की अतिवृष्टि से तबाह बीस नहरों की मरम्मत न होने के किसानों को भविष्य मे
संवाद सूत्र, चकराता: क्षेत्र की अतिवृष्टि से तबाह बीस नहरों की मरम्मत न होने के किसानों को भविष्य में सिंचाई की दिक्कत आयेगी। इसको लेकर किसान चिंतित है। जागरूक किसानों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर सर्दी शुरू होने से पहले जर्जर नहरों की मरम्मत कराने की मांग की है।
जौनसार में किसान कभी सूखे की मार से कभी अतिवृष्टि से परेशान रहते हैं। जो कृषि क्षेत्र तीन साल पहले तक नहरों के कारण तर रहते थे, वे नहरों की दशा बदहाल होने के कारण अब बरसात पर निर्भर हो गए हैं। रखरखाव न होने से चकराता क्षेत्र की तबाह 20 नहरों में पानी न चलने से कपना, खरकोटा, मरासा, अमित्यार, मिडाल, कंदाड, काटूवा, गुठाड, कांडोई, पूडिया, नाडा, राठू, गडसार, मोठी, बंगोती, टुंगरोली, बोग, नयनोड, द्ववारला व जंद्रोहा आदि गांवों के किसानों को दिक्कतें आनी तय है। क्षेत्र में करीब पंद्रह दिन से बरसात न होने का असर टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, अदरक, गागली की फसलों पर पड़ रहा है। दरअसल ¨सचाई खंड अंबाडी के अधीन 20 नहरों का रखरखाव न होने से नहरें पानी चलने लायक नहीं रह गयी हैं। काश्तकार केशवराम, जवाहर दत्त, प्रताप ¨सह, धर्म ¨सह, सतीश चौहान, राय ¨सह, हंसराम, भगत ¨सह, जगत ¨सह आदि का कहना है कि करीब तीन साल से नहरों से पानी नहीं मिल रहा। बरसात में जो उपज हुई, रास्ते बंद होने के कारण समय पर मंडी न पहुंचने की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। किसानों ने कई बार अपने पैसे खर्च कर श्रमदान से नहरों में पानी चलाया, लेकिन नहरों की दशा ज्यादा खराब होने की वजह से अब श्रमदान करने का भी फायदा नहीं मिल पा रहा है। काश्तकारों ने डीएम को भेजे ज्ञापन में जर्जर 20 नहरों की मरम्मत कराने की मांग की। ¨सचाई खंड चकराता के सहायक अभियंता बीडी जोशी का कहना है कि पिछले तीन साल से अतिवृष्टि से नहरों को नुकसान पहुंचा है,मरम्मत के लिए बजट न होने के कारण दिक्कत आ रही है। जर्जर नहरों के जीर्णोद्धार के लिए स्टीमेट बनाकर डीएम को भेजे गए हैं। लेकिन अभी तक कोई धनराशि अवमुक्त नहीं हो पायी है।
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बदहाल बीस नहरे
बंगोती, टुंगरोली, बोग नहर, नयनोड, द्ववारला, कपना, खरकोटा, मरासा, अमित्यार, मिडाल, कंदाड, काटूवा, गुठाड, कांडोई, पूडिया, नाडा, राठू, गडसार, मोठी व जंद्रोहा नहर।